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राष्ट्रपति ने प्रवासी भारतीयों से ‘विकसित भारत’ निर्माण में योगदान देने की अपील
भुवनेश्वर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को प्रवासी भारतीयों से ‘विकसित भारत’ के राष्ट्रीय मिशन में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की। उन्होंने कहा कि 2047 में स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य में प्रवासी भारतीय महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय सम्मेलन के समापन सत्र में कहा कि हमारा देश आज विकसित भारत के लक्ष्य की ओर अग्रसर है। यह राष्ट्रीय मिशन है जिसमें हर भारतीय, चाहे वह देश में हो या विदेश में, की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। प्रवासी भारतीय इस दृष्टि का अभिन्न हिस्सा हैं। उनकी वैश्विक उपस्थिति और उपलब्धियां इस लक्ष्य को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रवासी भारतीयों ने न केवल भारत में अर्जित ज्ञान और कौशल को विदेशों में स्थापित किया है, बल्कि भारतीय सभ्यता के मूल्यों और परंपराओं को भी आगे बढ़ाया है।
उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों ने प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, कला और उद्यमिता जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं, जिन्हें विश्व स्तर पर सम्मान मिलता है।
राष्ट्रपति ने सम्मेलन को प्रवासी भारतीयों और भारत के बीच सहयोग और विचारों के आदान-प्रदान का महत्वपूर्ण मंच बताया। उन्होंने कहा कि भारत ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के दर्शन पर चलते हुए वैश्विक कल्याण में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हम प्रवासी भारतीय परिवार की उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं और भविष्य की ओर उम्मीद और संकल्प के साथ देखते हैं। हम सब मिलकर एक ऐसा विकसित भारत बनाएंगे जो वैश्विक मंच पर ऊंचाईयों तक पहुंचे।
राष्ट्रपति मुर्मू ने प्रवासी भारतीय सम्मान-2025 के सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और इसे भारत की ओर से प्रवासी भारतीयों की असाधारण उपलब्धियों के लिए सम्मान का प्रतीक बताया।