-
कंधमाल और गंजाम जिले में पाये गये मरीज
-
जांच के दौरान खसरा से पाये गये पॉजिटिव
-
महामारी के बाद घटती रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी कारण
-
राज्यभर में चलाया जा रहा है टीकाकरण अभियान – सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक ने
भुवनेश्वर। ओडिशा में कोरोना के बाद अब खसरे का प्रकोप देखने को मिल रहा है। खसरा एक वायरल संक्रमण है, जो तेज बुखार और त्वचा पर चकत्तों के लिए जाना जाता है। इसका प्रकोप फिर से देखने को मिला है।
सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक डॉ नीलकंठ मिश्र ने शुक्रवार को इसकी जानकारी देते हुए घटती रोग प्रतिरोधक क्षमता को इसका संभावित कारण बताया।
उन्होंने बताया कि कंधमाल जिले के राइकेया ब्लॉक और गंजाम जिले के सोराडा ब्लॉक में खसरा के महत्वपूर्ण मामले सामने आए हैं।
डॉ मिश्र ने बताया कि राइकेया ब्लॉक में शुरुआत में लगभग 30 लोग इससे प्रभावित हुए थे, जिनमें से अधिकांश अब स्वस्थ हो चुके हैं।
हालांकि, अभी भी पांच सक्रिय मामले इलाज के अधीन हैं। प्रभावित क्षेत्रों में प्रकोप को रोकने के लिए लक्षित कदम उठाए जा रहे हैं।
डॉ मिश्र के अनुसार, प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि कोविड-19 महामारी के प्रभाव से रोग प्रतिरोधक क्षमता में आई कमी खसरा के पुन: प्रकोप का कारण हो सकती है।
राज्यभर में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है, जबकि स्वास्थ्य विभाग पुरी जिले में भी मामलों की जांच कर रहा है, ताकि संक्रमण के प्रसार को बेहतर तरीके से समझा जा सके।
डॉ मिश्र ने बताया कि हाल ही में मैंने कंधमाल जिले के राइकेया ब्लॉक के पाडिगुडा गांव और गंजाम जिले के सोराडा ब्लॉक के एक अन्य गांव का दौरा किया था। उन्होंने आगे कहा कि जांच के लिए भेजे गए नमूनों में खसरा की पुष्टि हुई है। मेरी यात्रा का उद्देश्य स्थिति का आकलन करना और संक्रमण को नियंत्रित करने व इसके और प्रसार को रोकने के लिए उचित कदम सुनिश्चित करना था।