कोणार्क। कोणार्क उत्सव 2024 के दूसरे दिन भारतीय शास्त्रीय नृत्य की समृद्ध परंपराओं का अद्भुत प्रदर्शन देखने को मिला, जिसमें मणिपुरी और ओडिसी नृत्य ने सूर्य मंदिर की भव्य पृष्ठभूमि में चार चांद लगा दिए।
दूसरे दिन संध्या के मुख्य अतिथि, माननीय सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्र और माननीय उच्च न्यायालय, ओडिशा के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह ने इस अवसर पर कलाकारों का सम्मान किया।
मणिपुरी नृत्य की प्रस्तुति
कार्यक्रम की शुरुआत कोलकाता के अंजिका-सेंटर फॉर मणिपुरी डांस की गुरु श्रीमती प्रीति पटेल और उनकी टीम ने नचोम लेई नृत्य नाटिका के साथ की। उनकी प्रस्तुति में मणिपुरी नृत्य के माध्यम से प्रेम, वीरता, और प्रकृति की सुंदरता को अद्भुत तरीके से चित्रित किया गया, जो दर्शकों के दिलों को छू गया।
ओडिसी नृत्य की छटा
दूसरी प्रस्तुति में कोलकाता के शिंजन नृत्यालय की गुरु श्रीमती अलोका काननूगो और उनकी टीम ने ओडिसी नृत्य की भावनात्मक और लयात्मक गहराइयों को प्रदर्शित किया। उनकी रचनाएं वंदे मातरम, तारा पल्लवी, और सूर्य लावण्यम् पर आधारित थीं। इन प्रस्तुतियों में गुरु काननूगो के परंपरागत ज्ञान और आधुनिक संवेदनशीलता का सुंदर समन्वय दिखा।
संगीत और ताल का योगदान
इन प्रस्तुतियों के संगीत में श्री हिमांशु स्वाईं, श्रीमती सुश्री संगीता पंडा और लक्ष्मीकांत पालित का योगदान रहा, जबकि तालबद्धता गुरु श्री धनेश्वर स्वाईं ने प्रदान की।
14वां अंतर्राष्ट्रीय रेत कला महोत्सव
दिनभर चंद्रभागा तट पर विकसित ओडिशा विकसित भारत, सस्टेनेबल इको-टूरिज्म, और हमारी संस्कृति, मेलों और त्योहारों जैसे विषयों पर आधारित अद्भुत रेत कला प्रदर्शनी देखने को मिली। 120 से अधिक भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कलाकारों ने अपनी कला से तट को जीवंत बना दिया।
पांच दिवसीय कोणार्क उत्सव
इस मौके पर कोणार्क उत्सव का उद्घाटन पंचायत राज, पेयजल और ग्रामीण विकास मंत्री रवि नारायण नायक ने किया। उनके साथ ईस्ट कोस्ट रेलवे के महाप्रबंधक परमेश्वर फंकवाल और पर्यटन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
पांच दिवसीय कोणार्क उत्सव, ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैलियों का अद्भुत मंच बना हुआ है। इसे ओडिशा पर्यटन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, दूरदर्शन ओड़िया और डीडी भारती पर लाइव देखा जा सकता है।
ओडिशा पर्यटन ने सभी को इस उत्सव में भाग लेने और राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव करने का निमंत्रण दिया है।
दूसरे दिन संध्या के मुख्य अतिथि, माननीय सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्र और माननीय उच्च न्यायालय, ओडिशा के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह ने इस अवसर पर कलाकारों का सम्मान किया।
मणिपुरी नृत्य की प्रस्तुति
कार्यक्रम की शुरुआत कोलकाता के अंजिका-सेंटर फॉर मणिपुरी डांस की गुरु श्रीमती प्रीति पटेल और उनकी टीम ने नचोम लेई नृत्य नाटिका के साथ की। उनकी प्रस्तुति में मणिपुरी नृत्य के माध्यम से प्रेम, वीरता, और प्रकृति की सुंदरता को अद्भुत तरीके से चित्रित किया गया, जो दर्शकों के दिलों को छू गया।
ओडिसी नृत्य की छटा
दूसरी प्रस्तुति में कोलकाता के शिंजन नृत्यालय की गुरु श्रीमती अलोका काननूगो और उनकी टीम ने ओडिसी नृत्य की भावनात्मक और लयात्मक गहराइयों को प्रदर्शित किया। उनकी रचनाएं वंदे मातरम, तारा पल्लवी, और सूर्य लावण्यम् पर आधारित थीं। इन प्रस्तुतियों में गुरु काननूगो के परंपरागत ज्ञान और आधुनिक संवेदनशीलता का सुंदर समन्वय दिखा।
संगीत और ताल का योगदान
इन प्रस्तुतियों के संगीत में श्री हिमांशु स्वाईं, श्रीमती सुश्री संगीता पंडा और लक्ष्मीकांत पालित का योगदान रहा, जबकि तालबद्धता गुरु श्री धनेश्वर स्वाईं ने प्रदान की।
14वां अंतर्राष्ट्रीय रेत कला महोत्सव
दिनभर चंद्रभागा तट पर विकसित ओडिशा विकसित भारत, सस्टेनेबल इको-टूरिज्म, और हमारी संस्कृति, मेलों और त्योहारों जैसे विषयों पर आधारित अद्भुत रेत कला प्रदर्शनी देखने को मिली। 120 से अधिक भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कलाकारों ने अपनी कला से तट को जीवंत बना दिया।
पांच दिवसीय कोणार्क उत्सव
इस मौके पर कोणार्क उत्सव का उद्घाटन पंचायत राज, पेयजल और ग्रामीण विकास मंत्री रवि नारायण नायक ने किया। उनके साथ ईस्ट कोस्ट रेलवे के महाप्रबंधक परमेश्वर फंकवाल और पर्यटन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
पांच दिवसीय कोणार्क उत्सव, ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैलियों का अद्भुत मंच बना हुआ है। इसे ओडिशा पर्यटन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, दूरदर्शन ओड़िया और डीडी भारती पर लाइव देखा जा सकता है।
ओडिशा पर्यटन ने सभी को इस उत्सव में भाग लेने और राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव करने का निमंत्रण दिया है।