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बड़े बनने के लिए बड़े सपने देखना भी जरूरी – मोहन माझी

  • बच्चों से कहा-सपनों का कैनवास जितना बड़ा होगा, चित्र का आकार भी उतना ही बड़ा होगा

  • राज्य स्तरीय खेल महोत्सव ‘उत्साह’ का उद्घाटन

भुवनेश्वर। बच्चों, आप सबमें अद्भुत प्रतिभा है। बड़े बनने के लिए बड़े सपने देखना भी जरूरी है। अगर आप सूर्य तक पहुंचने का सपना देखते हुए प्रयास करेंगे, तो कम से कम चंद्रमा तक जरूर पहुंचेंगे। सपनों का कैनवास जितना बड़ा होगा, चित्र का आकार भी उतना ही बड़ा होगा। ये बातें मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने आज महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत राज्य बाल संरक्षण समिति द्वारा आयोजित ‘उत्साह’ कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर बच्चों को संबोधित करते हुए कही।
भुवनेश्वर के कलिंग स्टेडियम में आयोजित इस महोत्सव में राज्य के विभिन्न जिलों के 165 बाल केयर सेंटरों के लगभग 580 बच्चे शामिल हुए। इन बच्चों की प्रतिभा को निखारने के लिए 26 और 27 तारीख को राज्य स्तरीय बाल महोत्सव ‘महोक’ कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। बच्चों के लिए यह खेल महोत्सव ‘उत्साह’ 28 और 29 तारीख को आयोजित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि बड़े सपने देखने के साथ-साथ उन्हें साकार करने के लिए लगातार मेहनत करना भी आवश्यक है। तभी जाकर सपने पूरे होंगे। जंगल के राजा शेर को भी अपने शिकार के लिए मेहनत करनी पड़ती है। इसलिए सपने देखने के साथ-साथ कठोर परिश्रम करना होगा। तभी आप अपने-अपने क्षेत्र में सफलता प्राप्त करेंगे। ‘महोक’ और ‘उत्साह’ कार्यक्रम आपको आगे बढ़ने के लिए सीढ़ियां प्रदान कर रहे हैं। अपनी प्रतिभा और रचनात्मकता का सही उपयोग करें।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हमारे देश के हर बच्चे में एकलव्य की कौशलता, अभिमन्यु का साहस, प्रह्लाद की भक्ति और अष्टावक्र का ज्ञान छिपा हुआ है। ओलंपिक विजेता नीरज चोपड़ा से लेकर महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की कड़ी मेहनत और सफलता को उदाहरण के रूप में लें। उन्होंने यह भी कहा कि खेल के विकास के लिए केवल धन का प्रावधान पर्याप्त नहीं है, इसके लिए समर्पण की भी जरूरत होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कलिंगा स्टेडियम और राज्य के विभिन्न जिलों में बने स्पोर्ट्स हॉस्टल के माध्यम से हम ग्रामीण प्रतिभाओं को खेल और शिक्षा दोनों में बढ़ावा दे रहे हैं। हमारे राज्य के कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी इन हॉस्टलों में रहकर अपना करियर बना चुके हैं। मेरी आपसे अपील है कि अपने भीतर गहरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें। जिसे भी जिस क्षेत्र में रुचि हो, उसमें मनोयोग से ध्यान दें। कड़ी मेहनत करें और सफलता आपके पीछे-पीछे आएगी। आगामी दिनों में हम ओडिशा को खेल की शक्ति के केंद्र के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि, उपमुख्यमंत्री और कृषि एवं किसान सशक्तिकरण मंत्री कनक वर्धन सिंहदेव ने कहा कि राज्य के बाल देखभाल केंद्रों में रहने वाले बच्चों के माता-पिता सरकार है। सरकार हमेशा उनके साथ है और रहेगी।
इस महोत्सव में उपमुख्यमंत्री और महिला एवं बाल विकास और पर्यटन मंत्री प्रभाती परिडा, पंचायती राज, पेयजल और ग्रामीण विकास मंत्री रवि नारायण नायक, खेल और युवा सेवाएं, ओड़िया भाषा, साहित्य और संस्कृति मंत्री सूर्यवंशी सूरज और महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव शुभा शर्मा उपस्थित थीं।

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