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52वें धौली शांति स्तूप स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री ने की घोषणा
भुवनेश्वर। ओडिशा की ऐतिहासिक धरोहर धौली पर्वत केवल एक साधारण पहाड़ी नहीं है, बल्कि यह कलिंग के वीर योद्धाओं की साहस और बलिदान की गौरवगाथा का प्रतीक है। मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण माझी ने धौली शांति स्तूप के 52वें स्थापना दिवस के अवसर पर कहा कि यह स्थल आज भी पूरी दुनिया को अहिंसा और शांति का संदेश दे रहा है। धौली का यह स्तूप जापान सरकार के प्रयासों से 52 साल पहले स्थापित हुआ था, और तब से यह शांति और मैत्री का प्रतीक बन गया है।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में बताया कि ईसा पूर्व 261 में हुए भयानक कलिंग युद्ध के बाद सम्राट अशोक ने इसी स्थान पर शांति का मार्ग अपनाते हुए बौद्ध मत को स्वीकार किया था। अशोक में परिवर्तन की कहानी धौली की पहाड़ियों से ही जुड़ी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार करने के लिए सम्राट अशोक ने अपने पुत्र महेंद्र और पुत्री संघमित्रा को सिंहल (श्रीलंका) भेजा था।
उन्होंने कहा कि जब भी बौद्ध धर्म की चर्चा होती है, ओडिशा का नाम सबसे पहले लिया जाता है। राज्य में बौद्ध धर्म का इतना व्यापक प्रभाव और प्रचार-प्रसार हुआ कि यहां की गुफाओं और विहारों की धरोहर आज भी देखने को मिलती है। रत्नगिरि, ललितगिरि, उदयगिरि और खंडगिरि इसके जीवंत प्रमाण हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि धौली शांति स्तूप विश्वभर में शांति और अहिंसा का संदेश फैला रहा है। यह स्तूप 1970 के दशक में जापान बुद्ध संघ और कलिंग निप्पोन बुद्ध संघ के सहयोग से बनाया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धौली और राज्य के सभी ऐतिहासिक स्थलों के समग्र विकास के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी।
ओडिशा की नौवाणिज्य परंपरा पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां के साहसी व्यापारी सात समुद्र पार जाकर व्यापार करते थे। उन्होंने यह भी बताया कि बौद्ध भिक्षु ओडिशा से ही विदेशों में धर्म प्रचार के लिए जाते थे, जिससे यहां बौद्ध धर्म का व्यापक प्रभाव पड़ा।
कार्यक्रम में मौजूद राज्य के लोक निर्माण विधि एवं आबकारी मंत्री श्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि धौली की यह भूमि न केवल बौद्ध धर्म के प्रचार की प्रतीक है, बल्कि यह ओडिशा के गौरवशाली इतिहास को भी संजोए हुए है।
इस अवसर पर धौली शांति स्तूप के विशेष बौद्ध संत श्री टी ओकांगी ने मुख्यमंत्री को एक स्मारिका भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में एकाम्र भुवनेश्वर विधायक बाबू सिंह ने कहा कि धौली न केवल ओडिशा बल्कि संपूर्ण भारत और विश्व को शांति का संदेश देता है।
उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में पिपिलि विधायक आश्रित पटनायक, पूर्व विधायक प्रियदर्शी मिश्र, वरिष्ठ भाजपा नेता समीर मोहंती और जगन्नाथ प्रधान शामिल थे। कार्यक्रम में कलिंग निप्पोन बुद्ध संघ के संयोजक रवि महाराणा ने अतिथियों का स्वागत किया और उपाध्यक्ष हरि पटनायक ने धन्यवाद ज्ञापित किया।