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ओडिशा जल संसाधन संरक्षण व प्रबंधन में सर्वश्रेष्ठ राज्य

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से विकास आयुक्त-सह-अपर मुख्य सचिव ने ग्रहण किया राष्ट्रीय जल पुरस्कार

नई दिल्ली/भुवनेश्वर। जल संसाधन संरक्षण और प्रबंधन के क्षेत्र में किए गए कार्यों के लिए ओडिशा राज्य को भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा 5वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ राज्य श्रेणी में प्रथम स्थान का पुरस्कार दिया गया है। राज्य की ओर से ओडिशा सरकार की विकास आयुक्त-सह-अपर मुख्य सचिव अनु गर्ग, आईएएस ने आज विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से यह पुरस्कार प्राप्त किया। इस पुरस्कार पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए विकास आयुक्त-सह-अपर मुख्य सचिव अनु गर्ग ने कहा कि यह सफलता सरकार, जल संसाधन विभाग के अधिकारियों और सभी संबंधित हितधारकों के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है।

विभिन्न कार्यों का योगदान

इस सफलता को प्राप्त करने में ओडिशा के जल संसाधन विभाग द्वारा वर्षभर किए गए विभिन्न कार्यों का योगदान रहा।

  • जल संरक्षण और भंडारण: 369 मिलियन क्यूबिक मीटर जल भंडारण क्षमता को लोअर सुकतेल बांध और हल्दिया बांध की पूर्णता से विकसित किया गया, जिससे सिंचाई, पेयजल आदि की आवश्यकताओं की पूर्ति की गई।
  • इन-स्ट्रीम स्टोरेज संरचनाएं: 28 इन-स्ट्रीम स्टोरेज संरचनाओं का निर्माण जारी है,और 18 टेंडरिंग चरण में हैं, जो 50 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी का भंडारण करेंगे।
  • चेक डैम्स: राज्य वित्त पोषित योजना एमएटीवाई के तहत 317 चेक डैम्स पूरे किए गए, जिनसे 7120 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए लगभग 2.0 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी का भंडारण किया गया।
  • सिंचाई परियोजनाओं का सुधार: 144 मध्यम सिंचाई परियोजनाओं का नवीनीकरण किया गया, जिससे 3.0 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी की भंडारण क्षमता में वृद्धि हुई।
  • अमृत सरोवर योजना: अमृत सरोवर योजना के तहत 2385 टैंकों का नवीनीकरण किया गया है, जबकि 886 टैंकों में कार्य जारी है।

सिंचाई परियोजनाएं:

  • 2.21 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं, जिससे 2.5 लाख से अधिक किसानों को लाभ हुआ।
  • स्वर्णरेखा मुख्य सिंचाई परियोजना, गंगाधर मेहर लिफ्ट कैनाल जैसी परियोजनाओं के माध्यम से सिंचाई क्षमता को बढ़ाया गया।
  • 59 मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजनाएं 81,216 हेक्टेयर ऊपरी क्षेत्र और 1,39,317 हेक्टेयर सिंचाई कमांड के लिए स्थापित की गईं।

समुद्री तटीय सुरक्षा: मुख्यमंत्री चक्रवात-लचीला खारा बांध परियोजना के तहत लगभग 200 किमी खारे बांधों को उठाने और सुदृढ़ करने के कार्य शुरू किए गए हैं।

पानी पंचायत अधिनियम: जल उपयोगकर्ताओं के जीवनसाथियों को शामिल करने के लिए पानी पंचायत अधिनियम में संशोधन किया गया है और जल शक्ति अभियान के तहत बड़े पैमाने पर जल संरक्षण गतिविधियां की गई हैं।

स्वच्छता एवं प्रदूषण नियंत्रण: 2018 में राज्य के सभी 114 शहरी स्थानीय निकायों के लिए फीकल स्लज और सेप्टेज प्रबंधन नियम लागू किए गए हैं। अब ओडिशा में 113 फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट संचालित हैं, जिससे शहरी क्षेत्रों में 98% स्वच्छता तक पहुंच हासिल की गई है।

उद्योगों का जल उपचार: राज्य के 1368 जल प्रदूषणकारी उद्योगों में से 1327 उद्योगों ने 818 मिलियन लीटर प्रतिदिन औद्योगिक अपशिष्ट जल को संसाधित करने के लिए कैप्टिव एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए हैं।

नदियों की स्वच्छता: सीपीसीबी की रिपोर्ट के अनुसार, ओडिशा की प्रदूषित नदी खंडों की संख्या 19 से घटकर 7 हो गई है।

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