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मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की
भुवनेश्वर। ओडिशा में चक्रवाती तूफान डाना के आने की संभावना के मद्देनजर राज्य सरकार का लक्ष्य शून्य जनहानि सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे प्रबंधों का जायजा लेने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की, वहीं विभिन्न विभागों और संबंधित एजेंसियों द्वारा उभरती स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।
कृषि एवं किसान सशक्तिकरण विभाग का प्रभार संभालने वाले उपमुख्यमंत्री केवी सिंहदेव ने मुख्य जिला कृषि अधिकारियों (सीडीएओ) के साथ चक्रवात की तैयारी, प्रतिक्रिया और राहत पर वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता की। सूत्रों ने बताया कि भुवनेश्वर में कृषि भवन और सभी जिलों में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जा रहे हैं।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि राज्य सरकार चक्रवात के कारण किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित एजेंसियों को तूफान के लिए तैयार रहने को कहा गया है। मंत्री ने कहा कि जिलों को चेतावनी जारी कर दी गई है और नियमित अंतराल पर उभरती स्थिति की समीक्षा की जा रही है। मंत्री ने विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी), अग्निशमन सेवा के महानिदेशक, कानून और व्यवस्था के अतिरिक्त महानिदेशक और विभिन्न विभागों के सचिवों के साथ एक नई समीक्षा बैठक भी की।
संवेदनशील क्षेत्रों से निकाले जायेंगे लोग
पुजारी ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी हताहत न हो। इसके लिए संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को निकालने के लिए पहले से ही आवश्यक व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं और चक्रवात आश्रयों को तैयार रखा गया है।
लोगों से नहीं घबराने की अपील
लोगों से नहीं घबराने की अपील करते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार ने ओड्राएफ टीमों को तैनात करने और संवेदनशील क्षेत्रों से निकासी प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया है।
चौबीसों घंटे नियंत्रण कक्ष होंगे संचालित
जिला और संबंधित विभागों को चौबीसों घंटे नियंत्रण कक्ष संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। चक्रवात आश्रयों को तैयार रखा जा रहा है, जबकि तूफान के दौरान पीने के पानी और प्रकाश व्यवस्था की व्यवस्था की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि जिला कलेक्टरों को अपने-अपने क्षेत्रों में तैयार रहने और निचले इलाकों की निरंतर निगरानी करने तथा शहरी क्षेत्रों सहित जहां भी आवश्यक हो, वहां पानी निकालने को कहा गया है। एसआरसी डीके सिंह के अनुसार, चक्रवात के प्रभाव के कारण पुरी, खुर्दा, गंजाम, जगतसिंहपुर, केंद्रापड़ा, भद्रक और बालेश्वर जैसे जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। राज्य सरकार ने तटीय जिलों के कलेक्टरों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि मछुआरे अगली सलाह तक ओडिशा और उससे सटे उत्तरी बंगाल की खाड़ी के तट पर समुद्र में न जाएं।
निचले इलाकों में जलभराव, भूस्खलन और कच्चे घरों को होगा नुकसान
चूंकि भारी बारिश से निचले इलाकों में बाढ़ या जलभराव हो सकता है। संवेदनशील पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन हो सकता है और कच्चे घरों को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए ओडिशा सरकार ने जिला कलेक्टरों को संवेदनशील इलाकों में लोगों की पहचान करने और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया है।
800 से अधिक चक्रवात आश्रयों तैयार रखने का निर्देश
कलेक्टरों को 800 से अधिक बहुउद्देश्यीय चक्रवात आश्रयों की स्थिति का निरीक्षण करने के लिए कहा गया है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर लोगों को रखने के लिए उन्हें तैयार किया जा सके और दो सप्ताह के भीतर अपेक्षित प्रसव वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान की जा सके, ताकि उन्हें निकटतम स्वास्थ्य सेवा केंद्रों में ले जाया जा सके।