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कविता के माध्यम से कवियत्री रागिनी भूषण ने जीता सभी का दिल
भुवनेश्वर। हिन्दी माह के समापन पर उत्कल अनुज हिन्दी पुस्तकालय, भुवनेश्वर में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। इस कवि सम्मेलन की मुख्य आकर्षण जमशेदपुर से पधारीं हिन्दी कवयित्री सोनी सुगंधा तथा डॉ रागिनी भूषण रहीं, जिन्होंने स्वरचित कविता पाठ से उपस्थित सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस अवसर पर जमशेदपुर से पधारी कवियत्री रागिनी भूषण ने कहा कि इस पुस्तकालय को सुभाष भुरा ने अपने नाम की ही तरह सुभाषित किया है। भुवनेश्वर में आप सभी ने जिस प्रकार से हमारा स्वागत सम्मान किया वह मेरे लिए सदैव स्मरणीय रहेगा। उन्होंने इस अवसर पर मिल के बैठे हैं तुम्हारे घर में…, सियावर राम के संवेदना का नाम रघुवर है। सनातन है चेतना का नाम रघुवर है…, कण कण में गूंजे राम राम, अणचन पूजन में राम राम…पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण सब भाषाओं में राम राम अपनी भक्तिमय कविता के माध्यम से सभी का दिल जीत लिया। इसके बाद उन्होंने द्रौपदी व्यथा पर केवल एक को प्यार करने के लिए होती रही अभिषप्त, पर कभी नहीं हो पायी किसी एक की…, तुम्हारा गांव कितनी दूर, अगर पूंछू बता दोगे… शीर्षक कविता के माध्यम से वाचनालय में श्रोताओं को झूमने एवं गुनगुनाने को मजबूर कर दिया। इस अवसर पर वाचनालय की तरफ से उन्हें सम्मानित किया गया। इस अवसर पर एके पांडेय, किशन खंडेलवाल, राम किशोर शर्मा, मुरारी लाल लढानिया, प्रकाश भुरा आदि ने भी अपनी कविता के माध्यम से माहौल में चार चांद लगा दिया।