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मोहन माझी ने दिए कड़े कार्रवाई के निर्देश
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क्राइम ब्रांच से जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया
भुवनेश्वर। भारतीय सेना के सिख रेजिमेंट के मेजर गुरवंश सिंह और उनकी मंगेतर के साथ भरतपुर पुलिस स्टेशन में हुए कथित हमले और यौन उत्पीड़न के मामले में विपक्षी दलों के निशाने पर आई ओडिशा सरकार ने शुक्रवार को सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन माझी ने शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सरकार ने मामले की जांच के लिए क्राइम ब्रांच को निर्देश दे दिए हैं। संबंधित पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। मुख्यमंत्री के अनुसार, राज्य सरकार दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए उचित कदम उठा रही है।
यह बयान उस समय आया जब विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला और राज्य की पुलिस व्यवस्था पर सवाल उठाए।
नवीन ने की न्यायिक जांच की मांग की
भुवनेश्वर। ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान नेता प्रतिपक्ष नवीन पटनायक ने सेना के एक मेजर और उनकी मंगेतर के साथ भरतपुर पुलिस द्वारा कथित तौर पर दुर्व्यवहार के मामले की अदालत की निगरानी में एसआईटी जांच और न्यायिक जांच की मांग की है। सोशल मीडिया पर बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक ने कहा कि बीजू जनता दल इस जघन्य कृत्य की कड़ी निंदा करती है और उम्मीद करती है कि भाजपा सरकार इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। हमारी सरकार के दौरान हमारे पास मो सरकार की व्यवस्था थी, जिसमें मुख्यमंत्री, मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी नागरिकों को पुलिस स्टेशनों और अस्पतालों सहित सरकारी कार्यालयों में उनके दौरे के बारे में फीडबैक लेने के लिए बुलाते थे, कि क्या उनके साथ सम्मान और पेशेवर व्यवहार के साथ व्यवहार किया गया था। इस भाजपा सरकार ने मो सरकार की जन-हितैषी पहल को तुरंत रोक दिया है और इसके परिणाम सामने हैं।
आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज
क्राइम ब्रांच ने सिख रेजिमेंट के मेजर गुरवंश सिंह और उनकी मंगेतर के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ और दुर्व्यवहार करने के आरोप में भरतपुर पुलिस स्टेशन के प्रभारी निरीक्षक (आईआईसी) सहित पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। मेजर सिंह द्वारा दर्ज कराई गई लिखित शिकायत के बाद यह कार्रवाई की गई है, जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने भरतपुर थाने के आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी।
डीजीपी ने दिया था जांच का आदेश
गौरतलब है कि डीजीपी वाईबी खुरानिया ने मंगलवार को क्राइम ब्रांच को जांच के आदेश दिए थे और कुछ ही घंटों बाद निष्पक्ष जांच के लिए प्रभारी निरीक्षक दीनाकृष्ण मिश्र समेत तीन पुलिसकर्मियों को उनके पदों से हटा दिया गया। इसके बाद डीजीपी खुरानिया ने बुधवार को भरतपुर थाने के पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था। इनमें आईआईसी मिश्र, एसआई बैशालिनी पंडा, एएसआई सलिलामयी साहू और सागरिका रथ और कांस्टेबल बलराम हांसदा शामिल हैं।