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कहा-कनिष्ठ अभियंता के नाम पर निकलता था वर्क ऑर्डर
भुवनेश्वर। पिछली नवीन पटनायक सरकार के दौरान विवादों में रही आम ओडिशा, नवीन ओडिशा योजना में दिये गये अनुदान मामलों की जांच की जाएगी। राज्य के पंचायतीराज मंत्री रवि नारायण नायक ने पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि इस योजना में प्रत्येक पंचायत को 50 लाख रुपये प्रदान किये गये थे। इस योजना को लागू करते समय सभी नियम कानूनों को ताक पर रखा गया था।
उन्होंने बताया कि इस योजना में कनिष्ठ अभियंता के नाम पर वर्क ऑर्डर निकलता था। विभाग के सचिव को भी किसी प्रकार की जानकारी नहीं होती थी। यह योजना पूर्ण रुप से राम भरोसे चल रही थी। विभाग में जितनी अनियमितता हुई है, उन सब की राज्य सरकार जांच करेगी।
सचिव को भी कोई जानकारी नहीं
नायक ने कहा कि विभाग को इस बात की जानकारी नहीं है कि कौन काम कर रहा है और कितना काम हुआ है। विभाग के सचिव को भी कोई जानकारी नहीं है। मंत्री ने आगे कहा कि इस योजना की निगरानी डीआरडीए और ब्लॉक द्वारा की जा रही थी और कोई जवाबदेही तय नहीं की गई है। फिलहाल काम बंद कर दिया गया है।
तीसरी मंजिल से थी निगरानी
नायक ने कहा कि पूरी चीज की निगरानी तीसरी मंजिल से की जा रही थी। पूरी चीज राम भरोसे चल रही थी। विभाग में जो भी अनियमितताएं हैं, उनकी जांच की जाएगी और इसे जनता के सामने लाया जाएगा। गौरतलब है कि भाजपा अक्टूबर 2023 में शुरू की गई ‘आम ओडिशा, नवीन ओडिशा’ योजना का विरोध शुरू से कर रही थी।
विवादों में रही है योजना
यह योजना विवादों में रही, क्योंकि पंचायतों में परियोजनाओं, इसके धन आवंटन और इसके उपयोग के लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों के सुझावों पर विचार नहीं किया गया। कथित तौर पर जेई के नाम पर कार्य आदेश जारी किए गए थे। सूची बीडीओ द्वारा तैयार की जा रही थी और जिला कलेक्टरों को भेजी जा रही थी। अधिकारी पंचायतों में परियोजनाओं के लिए 50 लाख रुपये खर्च करने की सूची तैयार कर रहे थे।