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ओडिशा अपार्टमेंट का डीड रजिस्ट्रेशन करने वाला पहला राज्य बना

  • दो साल बाद अपार्टमेंट का डीड रजिस्ट्रेशन शुरू

  • एसोसिएशन के नाम पर जमीन का रजिस्ट्रेशन भी शुरू

भुवनेश्वर। ओडिशा में अपार्टमेंट का डीड रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है। इसके साथ ही अपार्टमेंट खरीदारों का दो साल का लंबा इंतजार आखिरकार खत्म हो गया है। खबर है कि नये नियम के तहत अब तक तीन अपार्टमेंट पंजीकृत हो चुके हैं।

राज्य के उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद रेरा-अनुपालन नियम की अनुपस्थिति के कारण 22 मई, 2022 से अपार्टमेंट के पंजीकरण को रोक दिया गया था। बाद में राज्य सरकार अप्रैल 2023 में ओडिशा अपार्टमेंट (स्वामित्व और प्रबंधन) विधेयक लेकर आई। इसके बाद राज्य सरकार ने 16 फरवरी, 2024 को अपार्टमेंट (स्वामित्व और प्रबंधन) नियम अधिसूचित किया। इसके बाद भी मालिक चार महीने तक अपने अपार्टमेंट का पंजीकरण नहीं करा सके।

खुर्दा के जिला उपरजिस्ट्रार ज्ञान रंजन साहू ने मीडिया से कहा कि ओडिशा अपार्टमेंट (स्वामित्व और प्रबंधन) अधिनियम, 2023 की आवश्यकता यह है कि पंजीकरण तभी किया जा सकता है, जब सक्षम प्राधिकारी का सबूत डीड में होगा। हम उन लोगों के अपार्टमेंट का पंजीकरण कर रहे हैं, जो इसके साथ आ रहे हैं।

इस पंजीकरण की शुरुआत के साथ ही ओडिशा पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां डीड रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है और एसोसिएशन के नाम पर जमीन का रजिस्ट्रेशन भी शुरू हो गया है।

नए नियम से पुराने खरीदारों को परेशानियों

हालांकि इस बीच, रीयल एस्टेट एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि नए अपार्टमेंट (स्वामित्व और प्रबंधन) नियम लागू होने से पुराने खरीदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

अभी भी 10,000 अपार्टमेंट नहीं बिके

क्रेडाई ओडिशा के चेयरमैन डीएस त्रिपाठी ने कहा कि नए नियमों में नए और पुराने दोनों अपार्टमेंट को शामिल किया गया है। पुराने अपार्टमेंट के मालिक अपने अपार्टमेंट नहीं बेच सकते हैं, क्योंकि वे 2017 से पहले पंजीकृत थे, इसलिए नए नियमों का अनुपालन नहीं करते हैं। नतीजतन, लगभग 10,000 अपार्टमेंट अभी भी पंजीकृत होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं और राजकोष को लगभग 2,000 करोड़ रुपये का राजस्व भी खोना पड़ रहा है।

पुराने अपार्टमेंट को छूट की मांग

इसलिए एसोसिएशन की तरफ से त्रिपाठी ने मांग की कि पुराने अपार्टमेंट (2017 से पहले) को नए नियमों के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए, क्योंकि पुराने अपार्टमेंट के घर मालिक अपने घर नहीं बेच सकते। सरकार को भी भारी मात्रा में राजस्व का नुकसान हो रहा है। त्रिपाठी ने कहा कि लोग बैंगलोर, हैदराबाद, दिल्ली या मुंबई में फ्लैट खरीद रहे हैं, लेकिन भुवनेश्वर में नहीं। ऐसा इसलिए है क्योंकि यहां नियम अक्सर बदलते रहते हैं।

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