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लाकडाउन की अवधि बढ़ने पर स्थिति स्पष्ट करने की उठी मांग
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भगवान जगन्नाथजी के विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा के निर्माण अब संभव नहीं : मुख्य विश्वकर्मा विजय महापात्र
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रथों का निर्माण हो या नहीं सरकार स्पष्ट करे : रामचंद्र दास महापात्र
विष्णुदत्त दास, पुरी
कोरोना को लेकर जारी लाकडाउन की अवधि तीसरी बार 17 मई तक बढ़ाने के कारण पुरी धाम में भगवान श्री जगन्नाथजी की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा निकलने पर अब तक संसय की स्थिति बनी हुई है. हालात को देखते हुए राज्य सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग उठी है.
जगन्नाथ भगवान के नंदीघोष रथ के मुख्य विश्वकर्मा विजय महापात्र ने कहा है कि परंपरा के अनुसार अक्षय तृतीया से रथयात्रा के रथों का निर्माण शुरू होता है. चंदनयात्रा के अंतिम पड़ाव भंवरी यात्रा, जो कि इस महीने की 15 तारीख को होने वाली थी, को तीनों रथों के दो-दो चक्कों को जोड़ने की परंपरा रही है, जो नहीं हो पाया. अक्षय तृतीया के दिन कोरोना पाबंदी के चलते सिर्फ निर्माण शुरू करने की परंपरा विधि विधान श्री मंदिर के अंदर में की गई. इसके बाद प्रतीक्षा थी कि तीन मई को लाकडाउन हट जायेगा और चार मई से स्वाभाविक रूप से रथ निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा.
पिछले आठ दिनों में जो निर्माण कार्य होने चाहिए थे, उसको पूरा करने के लिए दोगुनी मेहनत करने को सभी विश्वकर्मा तैयार थे. अब लाकडाउन 17 मई तक बढ़ा दी गयी है. इससे रथयात्रा के आयोजन को लेकर राज्य सरकार व जिला प्रशासन की तरफ से कोई भी स्पष्ट सूचना अब तक नहीं मिली है. इस कारण अब रथों का निर्माण कम समय में करना संभव नहीं है.
इसके बाद देवी सुभद्रा जी के मुख्य बाड़ग्राही रामचंद्र दास महापात्र जी ने कहा कि पुरी अब ग्रीन जोन में आ चुका है. यह निर्माण करने के लिए कोई असुविधा नहीं है. ऐसी स्थिति में भी राज्य सरकार, जिला प्रशासन और श्री मंदिर प्रशासन को रथयात्रा आयोजन को लेकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. रथों के निर्माण करने की स्पष्ट घोषणा करें, ताकि पता चल सके कि रथों के निर्माण किये जाएं या नहीं. स्पष्ट रूप से बोलें कि रथयात्रा निकलेगी या नहीं. जो बोलना है विलंब ना करते हुए स्थिति स्पष्ट करने की आवश्यकता है, क्योंकि रथों के निर्माण में वक्त लगता है.
इधर, वरिष्ठ दइतापति विनायक दास महापात्र ने कहा कि जून महीने में रथयात्रा है. अभी लंबा समय है. अगर रथ निर्माण संपन्न हो जाता है और 15 जून के बाद कोरोना की पाबंदी संपूर्ण रूप से देश में हट जाती है तो कोई दिक्कत नहीं होगी. इसलिए सरकार को रथों के निर्माण के लिए तत्काल आदेश देने की आवश्यकता है. इधर, रामचंद्र दास महापात्र ने कहा कि गजपति महाराज, जगतगुरु शंकराचार्य और राज्य सरकार को अब इस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है और अपना निर्णय सबके सामने जल्द रखें, ताकि इस शंका का समापन हो सके.