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श्रीमंदिर में गोमांस खाकर प्रवेश करने वाले मामले को लेकर मुख्यमंत्री चुप्प क्यों हैं – अनिल बिश्वाल

  • कामिया जानी को पवित्र श्रीजगन्नाथ मंदिर में प्रवेश के लिए क्यों की गई थी व्यवस्था

  • कामिया जानी के पुरी दौरा व पाण्डियन के प्रमोशन में राज्य के सरकारी कोष से कितना हुआ खर्च

भुवनेश्वर। महाप्रभु श्रीजगन्नाथजी के मंदिर में गोमांस खाकर प्रवेश करने संबंधी घटना पर भाजपा और अधिक हमलावर हो गई है। पार्टी के प्रवक्ता अनिल बिश्वाल ने इस मुद्दे पर आज मुख्यमंत्री नवीन पटनायक व श्रीमंदिर प्रशासन के खिलाफ जोरदार हमला बोला।

यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में बिश्वाल ने कहा कि सोशल मीडिया में उपलब्ध वीडियो से प्रमाणित हो रहा है कि बीजू जनता दल के नेता वीके पांडियन ने कामिया जानी को श्रीमंदिर के अंदर प्रवेश करवाया था। उन्हें महाप्रभु श्रीजगन्नाथजी का महाप्रसाद दिया था। इस मामले को लेकर पूरे ओडिशा के लोग परेशान हैं, लेकिन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक इस मामले में चुप्प हैं। यह राज्य की जनता को चिंतित कर रही है।

उन्होंने कहा कि कामिया जानी को पांडिय़ान ने क्यों ओडिशा बुलाया था। उनके श्रीमंदिर के दौरे के समय पूरा मंदिर प्रशासन, जिला प्रशासन उपस्थित क्यों था, इसका जवाब राज्य की जनता चाहती है। कामिया जानी की पहले से अनेक वीडियो उपलब्ध हैं, जिसमें उन्होंने स्वयं गोमांस खाने की बात कही है। ऐसी स्थिति में उन्हें पवित्र जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश के लिए क्यों व्य़वस्था की गई थी, उसका जवाब राज्य सरकार को देना होगा। मुख्यमंत्री अपनी कुंभकर्णी निद्रा छोड़कर ओडिशा के लोगों को इसका जवाब दें।

उन्होंने कहा कि कामिया जानी एक पेड ब्लागर हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि पांडियन के प्रोमोशन के लिए यहां आयी थीं। उनके प्रोमोशन में राज्य के राजकोष से कितनी राशि खर्च की गई है, उसका जवाब राज्य सरकार को देना होगा।

उन्होंने कहा कि उस वीडियो में महाप्रभु श्रीजगन्नाथ मंदिर का निर्माण कराने वाले महाराजा चोडगंग देव व अनंगभीम देव के बारे में उल्लेख नहीं है। शंकराचार्य के बारे में भी उल्लेख नहीं है। गजपति महाराज के बारे  उनके नाम का गलत उच्चारण किया गया है। पूरे वीडियो में केवल पांडियन की प्रशंसा की गई है। इससे स्पष्ट है कि राज्य के राजकोष से धनराशि खर्च कर गोमांस खाने वाली एक महिला को श्रीमंदिर में प्रवेश करवा कर एक भयंकर अपराध किया गया है। इसलिए इस मामले में शंकराचार्य व श्रीमंदिर मुक्तिमंडप के विद्वानों की राय लेकर आवश्यक होने पर विधि के अनुसार श्रीमंदिर का शोधन व महास्नान किया जाए।

इस पूरे मामले में बीजद व श्रीमंदिर प्रशासन को जगन्नाथ मंदिर की चिंता नहीं है, बल्कि उनका एक मात्र उद्देश्य पांडियन को सुरक्षा देने जैसी है। इस हिन्दू विरोधी मानसिकता को ओडिशा में बर्दास्त नहीं किया जा सकता। इस पत्रकार सम्मेलन में भाजपा मीडिया प्रमुख दिलीप मल्लिक व सह संयोजक सुजीत दास भी उपस्थित थे।

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