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लगातार छठे वर्ष भुवनेश्वर सहित राज्य विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों में कोई छात्र संघ चुनाव नहीं हुआ
कटक। राज्य सरकार को इस साल कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव कराने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश देने की मांग को लेकर उच्च न्यायालय के समक्ष एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। वरिष्ठ वकील पीतांबर आचार्य के अनुसार, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) द्वारा दायर जनहित याचिका में इस साल राज्यभर के सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव कराने के लिए कदम उठाने की मांग की गई है। याचिका में छात्र संघ चुनाव कराने के कई कारण बताने के अलावा राज्य में कैंपस चुनाव नहीं कराने के कुछ नुकसान भी बताए गए हैं। याचिका में राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के सचिव को प्रतिवादी बनाया गया है।
एबीवीपी के ओडिशा महासचिव और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है और ओडिशा के मुख्य सचिव, स्कूल और जन शिक्षा विभाग के सचिव, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव और अन्य को पक्ष बनाया गया है। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि ओडिशा सरकार शैक्षणिक संस्थानों में अशांति का हवाला देकर चुनाव नहीं करा रही है। इससे पहले, सत्र 2023-24 के लिए शैक्षणिक कैलेंडर के कार्यान्वयन पर उच्च शिक्षा विभाग द्वारा एक पत्र जारी किए जाने के बाद ओडिशा में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया था। विशेष रूप से, कैलेंडर में छात्र संघ चुनाव के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, जिससे राज्य के प्रमुख छात्र संगठनों में व्यापक नाराजगी फैल गई।
यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि लगातार छठे वर्ष भुवनेश्वर सहित राज्य विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों में कोई छात्र संघ चुनाव नहीं हुआ है। 2018 में चक्रवात तितली के कारण छात्र संघ चुनाव स्थगित कर दिया गया था, जबकि राज्य सरकार ने 2019 में एक बार फिर इसे रद्द कर दिया था। 2020 में भी कोविड -19 महामारी और लॉकडाउन के कारण चुनाव आयोजित नहीं किया गया था।
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