-
अपनी वर्दी में हथियारों के साथ आदिवासी संगीत की धुन पर नाचते दिखे
-
माओवादियों के आम नागरिक भी देखे गए
भुवनेश्वर। ओडिशा में माओवादियों के दमन के लिए चलाए जा रहे अभियान के बीच माओवादी कैडर जंगल में मंगल मना रहे हैं। अपनी वर्दी में हथियारों के साथ आदिवासी संगीत की धुन पर नाचते हुए माओवादी कैडरों का एक वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। हालांकि वीडियो की सटीक तारीख और स्थान अभी तक स्थापित नहीं हो पाया था, लेकिन खबरों में कहा गया है कि वीडियो ओडिशा सीमा से सटे छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में एक अज्ञात स्थान पर एक माओवादी शिविर में शूट किया गया है।
दिलचस्प बात यह है कि बिना पारंपरिक वर्दी के कुछ अन्य लोगों को भी नाचते हुए देखा जा सकता है। इससे यह लग रहा है कि उस शिविर में माओवादियों के साथ नागरिक भी मौजूद थे। इस वीडियो में पुरुष और महिला दोनों सदस्य एक-दूसरे का हाथ पकड़कर नाच रहे हैं, जबकि कुछ अन्य लोग हाथों में राइफलें लेकर उनकी रक्षा कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि माओवादियों का नृत्य और मौज-मस्ती असामान्य नहीं है। यह विशेष नृत्य सफलता का जश्न मनाने के लिए किया जाता है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका था कि वे माओवादी संगठन के किस प्रभाग से हैं।
क्या युवाओं ने नक्सलवाद को चुना?
वीडियो को देखने से लग रहा है कि माओवादी काफी संख्या में युवाओं को अपने साथ जोड़ने में कामयाब रहे हैं। सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा रहा है कि कुछ युवक-युवतियां बिना वर्दी के डांस कर रहे हैं। इसमें सबसे बड़ी बात यह देखने को मिल रही है कि बिना वर्दी के होते हुए भी उनके पास हथियार हैं। गोलियों को रखने वाले वेल्ट भी वे पहने हुए हैं और मस्ती में झूम रहे हैं।
क्या माओवादियों ने दिया कुछ संदेश?
कुछ लोगों को कहना है कि वीडियो को देखने से लग रहा है कि ट्रेनिंग पूरी होने के बाद युवा कैडर आदिवासी संगीत के धून पर डांस कर रहे हैं। इस वीडियो को सोशल मीडिया में वायरल करके माओवादियों ने प्रशासन को चुनौती देने का प्रयास किया है। माओवादियों ने संदेश दिया है कि आज भी वे आदिवासी समुदाय उनके साथ किसी न किसी रूप में जुड़े हुए हैं और युवाओं को जोड़ने में या तो कामयाब रहे हैं या लुभाने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी तक कोई बयान नहीं आया था।