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ओडिशा में विस्थापितों को मिलेगा जमीन का पट्टा

  • राज्य में 1749 परिवारों को 3231 एकड़ जमीन पर अधिकार प्रदान

  • मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने लिया ऐतिहासिक निर्णय

  • 5-टी सचिव के जिलों का दौरे के बाद के उच्चस्तरीय समीक्षा प्रारंभ

भुवनेश्वर। ओडिशा में विभिन्न कारणों से विस्थापित लोगों को जमीन का पट्टा दिया जायेगा। इसके तहत 1749 परिवारों को 3231 एकड़ जमीन पर अधिकार प्रदान किया जाएगा।

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आज यह एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इसके तहत विभिन्न क्षेत्रों में जमीन से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने के लिए विस्थापित लोगों को जमीन का पट्टा देने के लिए नीतिगत निर्णय लिया गया है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के 5-टी सचिव वीके पांडियन ने हाल ही में जिलों का दौरा कार्यक्रम समाप्त किया है। इस दौरान लोगों नें उन्हें जमीन से जुड़ी अनेक शिकायतें की थी। हीराकुद बांध के लिए विस्थापित हुए लोगों की समस्या कई सालों से पड़ी हुई है। इसी तरह से अन्य स्थानों पर सरकारी जमीन पर काफी साल से रह रहे लोगों की समस्या समेत अनेक समस्याओं के बारे में लोगों ने उन्हें अवगत कराया था तथा इन समस्याओं के समाधान के लिए अनुरोध किया था।

5-टी सचिव वीके पांडियन ने इस संबंध में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से अवगत कराया। मुख्यमंत्री को इस संबंध में अवगत कराने के बाद मुख्यमंत्री ने उच्चस्तरीय बैठक की और इस बारे में निर्णय किया गया। बैठक में 5-टी सचिव के साथ-साथ विकास आयुक्त अनु गर्ग, राजस्व विभाग के सचिव सत्यव्रत साहू, गंजाम व झारसुगुड़ा जिले के जिलाधिकारी व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में जमीन से जुड़े मामलों के स्थायी समाधान कर लोगों को जमीन का पट्टा उपलब्ध कराने का निर्णय किया गया है।

झारसुगुड़ा जिले में हीराकुद बांध के लिए विस्थापितों की समस्या लगभग 50 साल पुरानी है। लखनपुर तहसील के 18 गांवों व झारसुगुड़ा तहसील के एक गांव समेत 19 गांवों की जमीन की समस्या का स्थायी समाधान करने के लिए बैठक में निर्णय किया गया है। इसके तहत 1749 परिवारों को 3231 एकड़ जमीन पर अधिकार प्रदान किया जाएगा।

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