भुवनेश्वर। अनुभवी ओड़िया फिल्म अभिनेत्री सुधारानी जेना का संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया है। वह पेशे से एक डॉक्टर थीं। पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी बुधवार को दी।
बताया जाता है कि 1960 के दशक में अपने अभिनय करियर की शुरुआत करने वाली जेना ने ‘गपहेले बी सात’, ‘राम बलराम’, ‘कावेरी’, ‘झिया टी सीता पार’, शंख माहुरी’ और ‘टोपई सिन्दूर टी पटा शंख’ जैसी ऐतिहासिक फिल्मों में अपने शानदार अभिनय के लिए कई पुरस्कार जीती थी। मंगलवार को जेना के निधन के बाद ओडिशा फिल्म उद्योग में निराशा छा गई है। उनकी मृत्यु को ओडिशा में सिने उद्योग में एक युग का अंत माना जाता है।
बहुआयामी व्यक्तित्व और बहुमुखी प्रतिभा की धनी जेना ने 60 के दशक में फिल्म उद्योग में कदम रखा था। कथित तौर पर उन्होंने कबिराज कृष्णचंद्र त्रिपाठी शर्मा द्वारा निर्मित ‘परिनामा’ से अपनी शुरुआत की थी। एक छोटे से ब्रेक के बाद उन्होंने 1976 में टिनसेल की दुनिया में फिर से प्रवेश किया और ओड़िया सिने उद्योग में एक विशेष पहचान बनाई।
पेशे से डॉक्टर जेना ने मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही एक्टिंग शुरू कर दी थी। उन्होंने अपने शानदार अभिनय के लिए लगातार चार साल तक सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीता था।