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गर्भवती मां के लिए श्रवण कुमार बना एम्बुलेंस चालक

  • कांवर में बैठाकर आठ किलोमीटर दूर खड़ी एंबुलेंस तक लाया

भुवनेश्वर। कहते हैं कि जब तक पृथ्वी रहेगी, तब तक मानवता रहेगी। किसी न किसी के जरिए मानवता देखने को मिलती रहती है। इस बार एक 108 एम्बुलेंस चालक की मानवता लोगों के बीच न सिर्फ चर्चा का कारण बनी हुई है, बल्कि लोग इसे खूब सराह रहे हैं। यह चालक एक गर्भवती मां के लिए श्रवण कुमार बन गया और उसने कांवर में बैठाकर महिला को आठ किलोमीटर दूर खड़ी एंबुलेंस तक ले गया। मां और उसके बच्चे को बचाने के लिए इस चालक ने अतिरिक्त प्रयास किया।

यह घटना रविवार को मालकानगिरि जिले के खैरापुट ब्लॉक के अंतर्गत मुदुलीपड़ा किचापड़ा गांव से सामने आई थी। बताया जाता है कि किचापड़ा गांव निवासी बाबू कृषाणी की पत्नी शुकरी कृषाणी को रविवार की सुबह प्रसव पीड़ा हुई। शुकरी को अस्पताल ले जाने के लिए परिवार के सदस्यों ने तुरंत 108 नंबर डायल किया। इसके तुरंत बाद इलाके में एम्बुलेंस पहुंची, लेकिन योग्य सड़क न होने के कारण वह महिला के घर तक नहीं पहुंच सकी। घर से करीब आठ किलोमीटर दूर पर एम्बुलेंस रुकी। हालात को देखते हुए परिवार के सदस्य चिंतित हो गए, लेकिन एम्बुलेंस चालक नरेश सरदार की सोच ने उन्हें भगवान के रूप में पेश किया। बिना एक पल गंवाए नरेश गाड़ी से उतरा और पैदल ही गांव की ओर चल दिया। उन्होंने परिवार के अन्य सदस्यों की मदद से एक कांवर तैयार किया और शुकरी को उसमें बैठाकर एम्बुलेंस तक ले लाया। फिर उन्होंने एम्बुलेंस से खैरापुट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पहुंचाया। बाद में उसे बेहतर इलाज के लिए मैथिली सरकारी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। नरेश को उनके मानवीय व्यवहार के लिए विभिन्न हलकों से प्रशंसा मिल रही है।

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