Home / Odisha / विकसित भारत को गुलामी की मानसिकता छोड़ना जरूरी: सीतारमण

विकसित भारत को गुलामी की मानसिकता छोड़ना जरूरी: सीतारमण

  • मेरी माटी, मेरा देश कार्यक्रम के तहत पंच प्रण प्रतिज्ञा में लोगों को किया संबोधित

  • कहा- अंग्रेजों के शासनकाल में पैदा की गई गुलामी की मानसिकता से खुद को मुक्त करने की जरूरत

भुवनेश्वर। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज गुरुवार को लोगों से गुलामी की मानसिकता को छोड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि गुलामी वाली मानसिकता छोड़ने से ही साल 2047 तक भारत का विकसित देश बनने का सपना साकार होगा।

सीतारमण ने ओडिशा के पुरी स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में ‘मेरी माटी, मेरा देश’ कार्यक्रम के तहत ‘पंच प्रण प्रतिज्ञा’ में लोगों को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि अंग्रेजों के शासनकाल में हमारे अंदर पैदा की गई गुलामी की मानसिकता से खुद को मुक्त करने की जरूरत है। मेरी माटी, मेरा देश अभियान के तहत केंद्रीय विश्वविद्यालय का दौरा करने वाली सीतारमण ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने नई दिल्ली के लाल किले से स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान एक विकास रणनीति-पंच प्राण रखी। अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने औपनिवेशिक मानसिकता के किसी भी निशान को खत्म करने पर जोर दिया। उन्होंने सभा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा समर्थित पंच प्रण प्रतिज्ञा भी दिलाई और कहा कि 2047 तक भारत को विकसित और आत्मनिर्भर बनाएं, औपनिवेशिक मानसिकता का कोई भी निशान हटाएं, हमारी विरासत का जश्न मनाएं, एकता को मजबूत करें और उनका सम्मान करें, जो देश की रक्षा करते हैं और राष्ट्र के विकास के लिए नागरिक के कर्तव्यों का पालन करते हैं।

इस कार्यक्रम में शामिल हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पीएम मोदी ने हमारे शहीद बहादुर पुरुषों और महिलाओं के सम्मान के लिए ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान शुरू किया है। बेहतर भारत का संकल्प लेने के लिए मैं आप सभी को धन्यवाद देता हूं।

इस दौरान उनके साथ केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, भाजपा प्रवक्ता संबित पात्र, स्थानीय विधायक जयंत षाड़ंगी और ललितेंदु विद्याधर महापात्र मौजूद थे।

Share this news

About desk

Check Also

आदर्श स्वयंसेवक थे शिवराम महापात्र : डा मोहन भागवत

आदर्श स्वयंसेवक थे शिवराम महापात्र : डा मोहन भागवत

भुवनेश्वर। शिवराम महापात्र शांत स्वभाव, काफी सरल और मृदु भाषी थे, लेकिन उनमें प्रचंड शक्ति …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *