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उलटी व दस्त की बीमारी को लेकर सभी जिलाधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश
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राज्य में लगाए गए 48 मेडिकल में राहत शिविर
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विभिन्न जिलों में 29 मेडिकल टीमें हुईं तैनात
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बाढ़ प्रभावित इलाकों में 1390 लोगों की हुई चिकित्सा
भुवनेश्वर। राज्य में हुई भारी बारिश और बाढ़ के कारण संभावित डायरिया की बीमारी को लेकर प्रशासनिक सतर्कता बढ़ा दी गई है। उलटी व दस्त की बीमारी को लेकर सभी जिलों को प्रशासन को अलर्ट जारी करते हुए सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य के स्वास्थ्य निदेशक डा निरंजन मिश्र ने यहां पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी देते हुए कहा कि जब भी बाढ़ आती है और बाढ़ के बाद पानी कम होता है, तो उलटी ब दस्त लगने की बीमारी की आशंका बढ़ जाती है। उसका कारण पेयजल के स्रोत का बाढ़ की पानी के साथ मिल जाना होता है। इसे लेकर राज्य के जन स्वास्थ्य विभाग सचेत है तथा ऐहतिहाती कदम उठा रहा है। इसे लेकर सभी जिलों को तैयार रहने के लिए कहा गया है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान तक राज्य में 48 मेडिकल में राहत शिविर लगाए गए हैं। विभिन्न जिलों में 29 मेडिकल टीमों को तैनात किया गया है। लगभग 11 हजार ओआरएस वितरित किया गया है। 28 हजार से अधिक हैलोजेन की गोलियां लोगों को प्रदान की गईं हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में 1390 लोगों को चिकित्सा दी गई है। अभी तक 36 डायरिया मरीजों का इलाज किया गया है। इसमें से एक की भी मरीज अस्पताल में भर्ती नहीं हुए हैं।
उन्होंने बताया कि जल के स्रोत जैसे कुंआ आदि में ब्लिचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है। बाढ़ के पानी को इस्तेमाल न करने के लिए लोगों से अपील की जा रही है। हाथों को साफ रखने के लिए लोगों से कहा जा रहा है।