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रत्न भंडार फिर से खोलने के घटनाक्रम से शंकराचार्य नाराज

  • कहा- मामले पर टिप्पणी करना उचित नहीं

  • प्रबंध समिति, एसजेटीए, ओडिशा सरकार या सेवायतों में से किसी ने भी मेरी राय नहीं मांगी है।

पुरी। पुरी गोवर्धनपीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी ने भगवान श्री जगन्नाथ का खजाना रखे हुए रत्न भंडार को फिर से खोलने के हालिया घटनाक्रम पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। पुरी शंकराचार्य ने कहा कि इस मामले पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा, क्योंकि प्रबंध समिति, एसजेटीए, ओडिशा सरकार या सेवायतों में से किसी ने भी हमारी राय नहीं मांगी है।

हाल ही में पुरी में जगन्नाथ मंदिर की प्रबंध समिति ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को रत्न भंडार को फिर से खोलने और मरम्मत करने की अनुमति देने के लिए ओडिशा सरकार को सिफारिश करने की घोषणा की है।

शंकराचार्य जी ने कहा कि मैं अंधेरे में पत्थर नहीं फेंकना चाहता। प्रबंध समिति से मुझे कोई जानकारी नहीं मिली है। प्रबंध समिति, ओडिशा सरकार और सेवायत मुझसे दूर रहना चाहते हैं और इसलिए चीजों को जाने बिना इस मामले पर टिप्पणी करना उचित नहीं है।

फैसले के मुताबिक, रत्न भंडार को अगले साल रथयात्रा के दौरान मरम्मत कार्यों के लिए खोला जाएगा।

इससे पहले एएसआई ने रत्न भंडार का निरीक्षण करने के लिए एसजेटीए के मुख्य प्रशासक को पत्र जारी लिखा था। उन्होंने रथयात्रा के दौरान भंडार का निरीक्षण करने का अनुरोध किया है। इस दौरान भगवान श्री जगन्नाथ गुंडिचा मंदिर के नौ दिवसीय प्रवास पर निकले रहते हैं।

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