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अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर केंद्र सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट से हुआ खुलासा
भुवनेश्वर। सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व (एसटीआर) में बाघों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, जबकि ओडिशा में इनकी कुल संख्या में गिरावट आई है। इस बात का खुलासा आज अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर केंद्र सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट से हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व (एसटीआर) में बाघों की आबादी बढ़कर 16 तक पहुंच गई है। साल 2018 में एसटीआर में सिर्फ आठ बाघ थे, लेकिन साल 2021-22 में की गई जनगणना में यहां बाघों की संख्या 16 आंकी गई है। हालांकि, जब राज्यभर में बाघों की संख्या पर नजर डालते हैं, तो इनकी संख्या काफी तेजी से घट रही है। आंकड़ों के अनुसार, साल 2006 में ओडिशा में 45 बाघ थे, लेकिन साल 2010 में यह घटकर 32 रह गए। साल 2018 में यह और घटकर 28 रह गए। इस साल यह घटकर 20 रह गए हैं। इसी तरह अगर देश में बाघों की आबादी पर गौर किया जाए तो यह बढ़ी है। यह 2018 में 2,967 से बढ़कर 2022 में 3,167 हो गई है। मध्य प्रदेश में 785 बाघ हैं, जो भारत में सबसे अधिक हैं। इसके बाद कर्नाटक में 563, उत्तराखंड में 560 और महाराष्ट्र में 544 बाघ हैं।
इसी तरह, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अधिकतम 260 बाघ हैं। इसके बाद बांदीपुर (150), नागरहोल (141), बांधवगढ़ और दुधवा (135 प्रत्येक), मुदुमलाई (114), कान्हा (105), काजीरंगा (104), सुंदरवन (100), टोआबोड़ा (97), सत्यमंगलम (85) और पेंच (77) का स्थान है।