-
ओडिशा, बिहार और बंगाल में बैंक से रूपये निकालने वाले लोगों को बनाते थे निशाना
ब्रह्मपुर। गंजाम जिले ब्रह्मपुर में पुलिस ने अंतर्राज्यीय छिनतईबाज गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। बताया जाता है कि यह गिरोह बैंकों से नकदी निकालने वाले लोगों को निशाना बनाता था। इनकी पहचान राजा यादव (28), मनीष कुमार यादव (25) तथा संतोष कुमार नट (36) के रूप में बताई गई है। से सभी बिहार के कटिहार जिले के थाना-कोरहा के ग्राम नयाटोला और जुराबगंज निवासी बताए गए हैं।
यह जानकारी देते हुए ब्रह्मपुर के पुलिस अधीक्षक डा सरवन विवेक एम ने बताया कि इनके पास से नकली पंजीकरण प्लेट के साथ चोरी की दो बाइक, फर्जी आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस, बाइक पंजीकरण संख्या प्लेट, टायर पंक्चर करने वाले उपकरण, बाइक डिक्की खोलने के उपकरण, खुजली पैदा करने वाला पाउडर, 4 कीपैड मोबाइल फोन, नकदी 24,800 रुपये तथा फर्जी नाम से रेलवे टिकट बरामद किए गए हैं। उन्होंने बताया कि बीते 12 जून को विश्वजीत घड़ेई (25) ने टाउन थाने में रिपोर्ट की कि वह एसबीआई हाईटेक शाखा टाटाबेंज स्क्वायर ब्रह्मपुर से 2,00,00 रुपये नकद निकालने के बाद अपने कार्यालय लौट रहा था। इसी दौरान लगभग 11.00 बजे पेरिस बेकरी गांधी नगर के पास 2 बाइक पर आए 3 अज्ञात लोगों ने 2 लाख कैश छीन लिया और भाग गए। इस मामले की जांच शुरू की गई। इस बीच आज वाहनों चेकिंग करते समय टाउन पुलिस टीम ने 2 बाइकों पर आ रहे 3 व्यक्तियों को पाया। जब उनकी पहचान के बारे में पूछताछ की गई, तो उनका व्यवहार संदिग्ध था और वे ओड़िया नहीं बोल पा रहे थे। इस दौरान वे हिंदी बोल रहे थे। उनके वाहन की तलाशी लेने पर उपरोक्त सभी आपत्तिजनक वस्तुएं जब्त कर ली गईं।
जांच के दौरान पता चला कि वे बिहार के कटिहार के पेशेवर स्नैचर हैं और पिछले मामलों में उनकी संलिप्तता स्थापित हुई थी। वे एक टीम के रूप में काम करते हैं और वे निर्दोष बैंक ग्राहकों को निशाना बनाते हैं, जो बैंकों से बड़ी नकदी निकालते हैं। उन्होंने ओडिशा के साथ-साथ बिहार, झारखंड, गुजरात और पश्चिम बंगाल जैसे अन्य राज्यों के कई अन्य जिलों में पैसे छीने हैं। वे 25 से अधिक मामलों में वांछित हैं। अन्य आरोपी व्यक्तियों की गिरफ्तारी के लिए आगे की जांच चल रही है। फर्जी आधार कार्ड, फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस, फर्जी आरसी कॉपी और बीमा दस्तावेजों को सत्यापित करने के लिए जांच चल रही है। यह भी पता चला है कि वे फर्जी दस्तावेजों के जरिए ट्रेन में यात्रा करते हैं।