इण्डो एशियन टाइम्स, भुवनेश्वर।
जगतसिंहपुर क्षेत्र के काटेसिंहपुर गांव में विदेशी नागरिक द्वारा धर्मांतरण की कोशिश किए जाने का मामला सामने आने के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने इसे संज्ञान में लिया है। एनसीपीसीआर ने आरोपित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जगतसिंहपुर के जिला प्रशासन को पत्र लिखा है। एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने यह जानकारी दी।
आयोग ने जगतसिंहपुर जिले के जिलाधिकारी पारुल पटवारी को लिखे पत्र में कहा है कि 11 नाबालिग हिंदू बच्चों को एक कार्यक्रम में अवैध रूप से धर्मांतरित किया जा रहा था। इस कार्यक्रम को कनाडा के नागरिक एपेन मोहन किडंगलील ने दो अन्य मिशनरियों के साथ मिलकर आयोजित किया था। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पत्र में कहा है कि आयोग इस मामले की गहन जांच और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध करता है। यह पत्र मिलने के 3 दिन के भीतर बच्चों की जानकारी और अन्य सभी आवश्यक दस्तावेज आयोग के सामने प्रस्तुत किए जाएं।
उल्लेखनीय है कि एपेन मोहन किडंगलील पर ओडिशा पुलिस ने गत 24 जून को मामला दर्ज किया था। किडंगलील पर प्रार्थना सभा आयोजित करने के नाम पर अनुसूचित जनजाति समाज के गरीब लोगों को लालच देकर ईसाई बनाने की कोशिश का आरोप है। इस घटना सामने आने के बाद स्थानीय विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं ने उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
विदेशी मिशनरियों को वीजा देना बंद हो – विहिप
जगतसिंहपुर जिले में विदेशी नागरिकों द्वारा मतांतरण के प्रयास के मामले में विश्व हिन्दू परिषद ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। परिषद के क्षेत्रीय मंत्री गौरी प्रसाद रथ ने इस मामले में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भारत में मतांतरण करने के उद्देश्य से आ रहे ईसाई मिशनरी टूरिस्ट वीजा पर आकर गैरकानूनी कार्य करते हैं। अतः ऐसे लोगों को भारत में प्रवेश के लिए वीजा नहीं दिया जाना चाहिए।