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भाई बलभद्र और बहन सुभद्र के साथ महाप्रभु श्री जगन्नाथ चले मौसी के घर
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राज्यपाल गणेशी लाल और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी हुए शामिल
पुरी। कोरोना महामारी के बाद आज भीषण गर्मी पर भी आस्था भारी पड़ी। पुरी के विश्वप्रसिद्ध रथयात्रा में लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में श्रीमंदिर से अपने-अपने रथों के जरिये महाप्रभु श्री जगन्नाथ, देव बलभद्र व देवी सुभद्रा अपने मौसी मां गुंडिचा मंदिर के लिए निकले। खबर लिखे जाने तक भगवान बलभद्र का रथ तालध्वज, इसके बाद देवी सुभद्रा का रथ दर्पदलन व सबसे अंत में भगवान श्रीजगन्नाथ का रथ नंदिघोष का खींचना जारी था।
पुरी श्रीक्षेत्र में आज विश्वविख्यात रथयात्रा में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा था। सुबह से ही श्रीमंदिर के समक्ष रथों को खींचने के लिए लाखों की संख्या में भक्त पहुंच चुके थे। सबसे पहले भगवान बलभद्र जी का रथ तालध्वज खींचना शुरू हुआ। इसके बाद देवी सुभद्रा का रथ खिंचा जाना प्रारंभ हुआ। इसके बाद महाप्रभु श्रीजगन्नाथ जी का रथ नंदिघोष को खिंचने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। पुलिस, सेवायत व भक्त मिलकर रथों को खिंचते दिखे। भक्तों द्वारा हरिबोल, जय जगन्नाथ व घंटियों की ध्वनि बड़दांड में गूंज रही थी।
इस मौके पर राज्यपाल प्रो गणेशीलाल, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी सम्मिलित हुए। रथों के खींचने से पहले आज सुबह मंगलार्पण के बाद पहंडी नीति शुरु हुई। धाड़ी पहंडी में चतुर्धा मूर्ति रथों पर आरुढ़ हुए। सबसे पहले सुदर्शन महाप्रभु सुबह 9 बजे रथ पर आरुढ़ हुए। इसके बाद 10.18 बजे बलभद्र तालध्वज रथ पर, 10.30 बजे देवी सुभद्रा दर्पदलन रथ पर रथारुढ़ हुईं। सबसे अंत में श्रीजगन्नाथ मंदिर की रत्नवेदी से सिंहद्वार पार कर 11.55 बजे पर नंदिघोष रथ पर विराजमान हुए। 12.05 पर पहंडी नीति संपन्न हुई। इसके पश्चात बाकी नीतियों का संपादन किया गया।
शंकराचार्य ने रथों की परिक्रमा की
पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने तीनों रथों की परिक्रमा की। इसके बाद पुरी के गजपति महाराज दिव्य सिंह देव छेरा पहंरा की नीति को संपन्न किया। इसके बाद रथों को खिचने की प्रक्रिया प्रारंभ होगी।
माहौल आध्यात्मिक, नृत्य और जय जगन्नाथ के नारे
पहंडी नीति के दौरान श्रद्धालु व कलाकार ओडिशी नृत्य, शिव तांडव व हनुमान नृत्य प्रस्तुत कर रहे थे। पूरा माहौल आध्यात्मिक हो गया था। घंटियां बजाये जाने के साथ-साथ चारों और जय जगन्नाथ के नारे गूंज रहे थे।
भीषण गर्मी से अनेक श्रद्धालु हुए बेहोश
रथयात्रा के दौरान लाखों लोगों की भीड़ में भीषण गर्मी व उमस के कारण दोपहर 1.30 बजे तक अनेक श्रद्धालु बेहोश हो गए। हालांकि उन्हें तत्काल आशु चिकित्सा शिविर में भर्ती कराया गया। बताया जाता है कि कई भक्तों की हालत गंभीर है। उन्हें अस्पताल में दाखिल कराया गया है।
रथों को खींचने के लिए लगी होड़
भारी भीड़ के बीच रथों को खींचने के लिए भक्तों के बीच होड़ लग गई थी। लोग एक-दूसरे को धकेल कर रथ खींचने के लिए आगे बढ़ रहे थे। इस दौरान कई श्रद्धालु गिरकर घायल भी हुए हैं।