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पहली बार रस्म पूरी होने के बाद स्नान मंडप के पास दिखे थे खून के धब्बे
पुरी। पुरी में महाप्रभु श्री जगन्नाथ, देव बलभद्र, देवी सुभद्रा और सुदर्शन चक्र की महास्नान की रस्में आज दो बार आयोजित हुईं। बताया जाता है कि पहली बार रस्म सही तरीके से पूरी हो चुकी थी और गजवेश के लिए वस्त्र भी लाए गए, लेकिन तभी मंदिर के स्नान मंडप के पास खून के धब्बे देखे गए। इससे दुबारा महास्नान की रस्में आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
इससे पहले आज सुबह स्नान पूर्णिमा की रस्में मंगला आलती के साथ शुरू हुईं और उसके बाद अबकाश नीति का पालन किया गया। यहां तक कि देवताओं के स्नान अनुष्ठान भी संपन्न हो चुके थे। चतुर्धामूर्ति को विशेष हर्बल जल के 108 घड़ों से स्नान कराया गया था।
श्रीमंदिर में देवताओं के गजवेश के लिए वेशभूषा भी आ चुकी थी और स्नान-अनुष्ठान के बाद त्रिदेवों की मूर्तियों को इस विशेष पोशाक से सजाया जाने वाला था। इस बीच, जगन्नाथ मंदिर थाने की पुलिस ने स्नान मंडप के पास खून के धब्बे देखे और सेवायतों को सूचित किया।
बाद में सेवायतों ने फिर से महास्नान अनुष्ठान करने का निर्णय लिया। परंपरा के अनुसार, यदि श्रीमंदिर के परिसर में कोई खून का धब्बा पाया जाता है तो उसे शुद्ध किया जाता है और फिर से अनुष्ठान किया जाता है।