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नारी का सम्मान परमात्मा का सम्मान है – डा चक्रधर त्रिपाठी

कोरापुट। ओडिशा केंद्रीय विश्वविद्यालय, कोरापुट के महिला सेल के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय परिवार के सभी विभागों के शिक्षक और विद्यार्थी सम्मिलित हुए। मुख्य अतिथि के रूप में रेखा लोहानी (पूर्व डीजीपी महिला एवं जेल अपराध शाखा ओडिशा) ने कहा कि समाज और राष्ट्र के सम्यक विकास के लिए नारी सशक्तिकरण परमावश्यक है। समाज रूपी गाड़ी समुचित रूप से तभी चल सकती है, जब नारी और पुरुष रूपी दोनों पहिये मजबूत और सुदृढ़ हों। विशिष्ट अतिथि के रूप में कोरापुट जिला की बाल संरक्षण पदाधिकारी श्रीमती राजश्री दाश ने बालकों के संरक्षण और विकास पर महिलाओं की भूमिका पर गहन प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि के रुप में बोलते हुए कुलपति के शैक्षणिक सलाहकार डा सुधेन्दु मंडल ने कहा कि भारत में नारियों के सम्मान का इतिहास बहुत पुराना है। भारत नारियों को सम्मान देना जानता है। श्रीमती इंदिरा गांधी भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री, डा प्रतिभा देवीसिंह पाटिल प्रथम राष्ट्रपति, द्रौपदी मुर्मू प्रथम आदिवासी राष्ट्रपति और डा सरोजनी नायडू उप्र की प्रथम महिला राज्यपाल बनीं, यह महिलाओं के लिए गौरव का संदर्भ है। विशिष्ट अतिथि के रुप में बोलते हुए हिंदी के अतिथि प्राध्यापक डा जेबी पाण्डेय ने कहा कि नारी सृष्टि के आरम्भ से अबला नहीं सबला रही है। मनुष्य को विद्या के लिए सरस्वती की, धन के लिए लक्ष्मी की और शक्ति के लिए दुर्गा की आराधना और उपासना करनी पड़ती है।

संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे कुलपति डा चक्रधर त्रिपाठी ने कहा कि भारत नारी पूजक देश रहा है। भारत में सती अनुसूया, शबरी, गार्गी, मैत्रेयी, सती सावित्री, सीता जैसी नारियां हुईं हैं, जिनका विश्व में नाम है। मनु स्मृति में कहा गया है कि यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता:। अर्थात् जहां नारियों की पूजा होती है, वहां देवता लोग रमण खरते हैं। परमात्मा ने अपने आप को नारी रूप में प्रकट किया है। अतः नारी का सम्मान, परमात्मा का सम्मान है। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 7 महिलाओं को शॉल, मेंमेंटो और प्रशस्ति पत्र देकर कुलपति ने सम्मानित किया। ये महिलाएं हैं डा रूद्राणी मोहंती, राजश्री दाश, विजया लक्ष्मी टाकरी, बाला स्वर्ण माला, लक्ष्मी खिल्ला, बंसती बेहरा और बी रोजलीन। इस अवसर पर डा हिमांशु महापात्र, डा संजीत कुमार दाश, डा कपिला खेमेंद, डा नूपुर पटनायक, डा गणेश प्रसाद साहू, डा आलोक बराल, डा जयंत नायक, डा प्रदोष कुमार स्वाई, डा सौम्य रंजन दाश, डा रानी सिंह, डा सौरभ गुप्ता, डा फग्गू भोई, डा मीनाती साहू, डा बीएन प्रधान, डा सोनी पाढ़ी, डा प्रदीप सामंराय, प्रशांत कुमार नायक, डा देवेदर रागुला, मोहित चांदवानी विशेष रूप से उपस्थित रहे। आगत अतिथियों का भव्य स्वागत और कुशल संचालन महिला सेल की अध्यक्षा डा काकली बनर्जी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डा रूद्राणी मोहांती ने किया। इस अवसर पर वेलफेयर आफ बलाइंड संगठन के 11 अंधे छात्र-छात्राओं को 25000 की राशि प्रदान कर कुलपति ने सकारात्मक कदम उठाया, जिसकी सराहना सबों ने की। छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की शानदार प्रस्तुति की गई। राष्ट्र गान से कार्यक्रम का समापन हुआ।

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