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ओडिशा को एक पर्यटन हब बनाने पर विचार-विमर्श

भुवनेश्वर। ओडिशा के वरिष्ठ अधिकारियों के सम्मेलन के दूसरे दिन पर्यटन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने ओडिशा को एक पर्यटन हब बनाने पर विचार-विमर्श किया। इस दौरान कोणार्क में इको रिट्रीट केंद्र विंदु में रहा। इस सम्मेनल में एसीएस पर्यटन सुरेंद्र कुमार, कंधमाल जिलाधिकारी पाटिल आशीष ईश्वर और पुरी के जिलाधिकारी समर्थ वर्मा ने राज्य में पर्यटन क्षेत्र के विकास और प्रचार के लिए ओडिशा पर्यटन की विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला।

राज्य पर्यटन विभाग की प्रमुख पहलों पर एक प्रस्तुति में सुरेंद्र कुमार ने कहा कि उत्पाद नवाचार और विविधीकरण ओडिशा में पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। हमने हाल ही में ओडिशा पर्यटन नीति 2022 लॉन्च की है, जो निवेशकों के लिए प्रोत्साहन की एक बड़ी पेशकश करती है और वर्तमान में अन्य राज्यों की तुलना में दो रोडमैप पेश कर रही है।  यह प्रमुख क्षेत्रों में केंद्रित हस्तक्षेपों के साथ पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में कार्य करेगी। इस दौरान अधिकारियों ने पर्यटन के अवसरों पर प्रकाश डाला।

कंधमाल के जिलाधिकारी पाटिल आशीष ईश्वर ने ऊंचे इलाकों की कच्ची अप्रयुक्त सुंदरता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कंधमाल को इसके विविध परिदृश्य को बढ़ावा देने के लिए एक आला इकोटूरिज्म सर्किट के रूप में विकसित किया जा रहा है। उषाबती और मूक घाटी मंदसरू जैसी घाटियों से लेकर बेलघर जैसे वन्यजीव केंद्रित क्षेत्रों और कुटिया कोंधा जनजातियों को शामिल करने वाले विभिन्न झरनों या जनजातीय पर्यटन तक, कई स्थलों की पहचान की गई है और समुदाय संचालित सतत पर्यटन विकास को बढ़ावा देने के लिए उन्हें उन्नत किया जा रहा है। कंधमाल के समृद्ध पर्यटन प्रसाद को बढ़ावा देने के लिए प्रकृति शिविर और इको-रिट्रीट जैसी पहलें पहले से ही चल रही हैं, जबकि कई होमस्टे विकास के अधीन हैं। श्री जगन्नाथ धाम के अलावा, पुरी में कई वैकल्पिक पर्यटन स्थल हैं।

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