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विज्ञान से लेकर हिन्दी- संस्कृत व प्रधान शिक्षक न होने के कारण पढाई में आ रही है व्यवधान
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सरकार ने कहा पदों को भरने के लिए सरकार उठा रही है कदम
भुवनेश्वर। राज्य के विद्यालयों में शिक्षक व गैरशिक्षकों के पद रिक्त होने के कारण पढ़ाई ठीक से नहीं हो पा रही है। इसे लेकर सत्तारूढ़ दल व विपक्षी दल के विधायकों ने विधानसभा में चिंता व्यक्त की तथा रिक्त पदों को भरने के लिए त्वरित कदम उठाने की मांग की। आज प्रश्नकाल में विधायक अमर प्रसाद सतपथी व कांग्रेस विधायक नरसिंह मिश्र द्वारा पूछे गये इन सवालों पर लंबे समय तक चर्चा हुई। जनशिक्षा मंत्री समीर रंजन दाश की अनुपस्थिति में विज्ञान व टेक्नालाजी मंत्री अशोक पंडा ने प्रश्नों का उत्तर दिया। मंत्री पंडा ने सदन में कहा कि इन पदों को शीघ्र भरने के लिए राज्य सरकार आवश्यक कदम उठा रही है।
कांग्रेस विधायक नरसिंह मिश्र ने कहा कि बलांगीर महिला कालेज में प्लस-2 विज्ञान का पाठ्य़क्रम खुला है, लेकिन वहां एक भी अध्यापक को नियुक्ति नहीं दी गई है। उन्होंने सवाल किया कि ऐसे में वहां कैसे पढ़ाई हो रही है। भाजपा विधायक भास्कर मढेई ने कहा कि केवल शिक्षक ही नहीं, अनेक जिलों में प्रखंड विकास अधिकारी व जिला विकास अधिकारी के पद भी खाली हैं। इससे शिक्षा व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। शिक्षकों के साथ-साथ शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पदों को भी भरा जाना चाहिए।
बीजद विधाय़क डा नृसिंह साहु ने कहा कि अनेक विद्यालयों में विज्ञान, संस्कृत व हिन्दी के शिक्षक नहीं हैं। इस कारण बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। एक शिक्षकों को दो स्कूलों में पढ़ाने के लिए कहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि संस्कृत व हिन्दी शिक्षकों की व्यवस्था जिले स्तर पर करने पर इसका कुछ हद तक समाधान निकाला जा सकता है।
बीजद विधायक अमर प्रसाद सतपथी ने कहा कि कुछ स्कूलों में कंप्यूटर जैसे उपकरण हैं। लेकिन वहां न तो चपराशी है और न ही वाचमैन। ऐसे में इन पदों को भी भरा जाना चाहिए।