-
विज्ञान से लेकर हिन्दी- संस्कृत व प्रधान शिक्षक न होने के कारण पढाई में आ रही है व्यवधान
-
सरकार ने कहा पदों को भरने के लिए सरकार उठा रही है कदम
कांग्रेस विधायक नरसिंह मिश्र ने कहा कि बलांगीर महिला कालेज में प्लस-2 विज्ञान का पाठ्य़क्रम खुला है, लेकिन वहां एक भी अध्यापक को नियुक्ति नहीं दी गई है। उन्होंने सवाल किया कि ऐसे में वहां कैसे पढ़ाई हो रही है। भाजपा विधायक भास्कर मढेई ने कहा कि केवल शिक्षक ही नहीं, अनेक जिलों में प्रखंड विकास अधिकारी व जिला विकास अधिकारी के पद भी खाली हैं। इससे शिक्षा व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। शिक्षकों के साथ-साथ शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पदों को भी भरा जाना चाहिए।
बीजद विधाय़क डा नृसिंह साहु ने कहा कि अनेक विद्यालयों में विज्ञान, संस्कृत व हिन्दी के शिक्षक नहीं हैं। इस कारण बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। एक शिक्षकों को दो स्कूलों में पढ़ाने के लिए कहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि संस्कृत व हिन्दी शिक्षकों की व्यवस्था जिले स्तर पर करने पर इसका कुछ हद तक समाधान निकाला जा सकता है।
बीजद विधायक अमर प्रसाद सतपथी ने कहा कि कुछ स्कूलों में कंप्यूटर जैसे उपकरण हैं। लेकिन वहां न तो चपराशी है और न ही वाचमैन। ऐसे में इन पदों को भी भरा जाना चाहिए।