उन्होंने यहां ओड़िया भाषा में लिखा कि आज कुंतुला कुमारी सावत आदिवासी होस्टल में आकर मैं काफी खुश हूं। मेरा यहां आना मेरे छात्रा जीवन के अनेक न भूलने वाली स्मृतियों को फिर से ताजा कर दिया है। होस्टल के इनमेट व विद्यालय के शिक्षक व शिक्षिकाओं के साथ बातचीत के दौरान मैं भावुक हो गई। यह अच्छी बात है कि यहां छात्राओं को काफी सुरक्षित व घरेलू परिवेश मिल रहा है। मैं उनकी उज्ज्वल भविष्य़ की कामना करती हूं।
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