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उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी सूर्यवंशी सूरज विजयी
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प्रतिद्वंदी बीजद की अवंती दास को 9881 वोटों से किया पराजित
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बीजद के बागी निर्दलीय प्रत्याशी राजेन्द्र दास को 8122 वोट मिले
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कांग्रेस प्रत्याशी बाबा हरेकृष्ण सेठी की जमानत जब्त
भुवनेश्वर। धामनगर उपचुनाव में कमल एक बार फिर खिल उठा है, जबकि बीजद पर उसके अंदर की बगावत भारी पड़ी है। भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सूर्यवंशी सूरज विजयी हुए हैं। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजद की अवंती दास को 9881 वोटों से पराजित किया है।
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार भाजपा प्रत्याशी सूर्यवंशी सूरज को 80, 351 वोट मिले हैं, जबकि बीजद प्रत्याशी अवंती दास को 70, 470 वोट हासिल हुए हैं। निर्दलीय प्रत्याशी राजेन्द्र दास को 8122 वोट मिले हैं। कांग्रेस प्रत्याशी बाबा हरेकृष्ण सेठी को 3353 वोट मिले हैं और उनकी जमानत जब्त हो गई है।
धामनगर के स्वाभिमानी जनता को बधाई देता हूं – प्रताप षाड़ंगी
धामनगर उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी का विजय काफी स्पष्ट संकेत दे रहा है। इस चुनाव परिणाम ने प्रमाणित किया है कि पैसे के जोर पर मतदाताओं को खरीदा नहीं जा सकता। सरकारी प्रशासन के उपयोग से भी जनता के आकांक्षाओं को दबाया नहीं जा सकता। पूर्व केन्द्रीय मंत्री तथा बालेश्वर से सांसद प्रताप चंद्र षाड़ंगी ने पार्टी कार्यालय में भाजपा की जीत पर यह प्रतिक्रिया व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि मैं धामनगर के स्वाभिमानी जनता को बधाई देता हूं कि वे धन बल का उपयोग, सरकारी मशीनरी का जम कर उपयोग के बावजूद भी इसका कड़ा जवाब देकर सत्तारुढ बीजद को धराशायी कर दिया।
भाजपा प्रदेश कार्यालय में दीपावली मनायी गई
धामनगर उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सूरज सूर्यवंशी के विजय नजदीक होने के साथ साथ ही भाजपा कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ता इकठ्ठा हो कर जश्न मनाने लगे। पार्टी कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़े व गाजे-बाजे के साथ इस जीत को लेकर झूमते दिखे। सैकड़ों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता जय श्रीराम, भारत माता की जय आदि नारा लगा कर जीत का जश्न मनाया। भुवनेश्वर जिला भाजपा के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ पूर्व मंत्री प्रताप षाड़ंगी व अन्य नेता भी पहुंचे। फटाखे फोड़े गये।
कार्यकर्ताओं में आत्मविश्वास बढ़ा
इस जीत से भाजपा के कार्यकर्ताओं में आत्मविश्वास बढ़ता हुआ भी दिख रहा था। अभी तक भारतीय जनता पार्टी को किसी भी उपचुनाव में जीत हासिल नहीं हुई थी। साल 2009 में बीजद के साथ गठबंधन टूटने के बाद से जीतने के बाद से जितने भी उपचुनाव हुए उन सभी में से एक में भी भाजपा को जीत नहीं मिली थी। केवल इतना ही नहीं, बालेश्वर विधानसभा सीट के भाजपा विधायक मदन मोहन दत्त की मौत के बाद हुए उपचुनाव में भी भाजपा अपनी सीट नहीं बचा पायी थी। इस कारण इस जीत को भाजपा कार्यकर्ताओं के मनोबल पर काफी प्रभाव स्पष्ट दिख रहा था।