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अंतिम संस्कार में गांव का कोई भी व्यक्ति नहीं आया आगे
केंदुझर। केंदुझर जिले के चंपुआ प्रखंड के बड़नई गांव में एक बुजुर्ग महिला ने अपने पति के शव को दफना दिया। उनके पति के अंतिम संस्कार में मदद के लिए गांव का कोई भी व्यक्ति सामने चल कर नहीं आया है, इससे मजबूरन बुजुर्ग महिला ने शव को दफनाने का निर्णय लिया।
जानकारी के मुताबिक, कटी मुंडा ने अपने पति भंज मुंडा को तेज बुखार के बाद चंपुआ अस्पताल में भर्ती कराया था। दवा लेने के बाद भी भंज का तापमान कम नहीं होने पर चंपुआ अस्पताल के अधिकारियों ने उसे केंदुझर जिला मुख्यालय अस्पताल रेफर कर दिया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
कटी मुंडा ने वैन किराये पर लेने के लिए 1,500 रुपये उधार ली थी, ताकि वह अपने पति के शव को उसके गांव ले जा सके। इसके बाद ग्रामीणों से उसने अंतिम संस्कार करने के लिए अनुरोध किया, लेकिन कोई भी अंतिम संस्कार करने के लिए आगे नहीं आया। कोई विकल्प नहीं मिलने पर कटी को अपने घर के पास एक गड्ढा खोदा और अंतिम संस्कार की रस्मों के तहत अपने पति के शव को वहीं दफना दिया। उसने कहा कि मैं अपने पति के साथ रहती थी। हमारे कोई बच्चा नहीं था। वह पिछले दो दिनों से बुखार से पीड़ित थे। मैं उसे शुरू में चंपुआ अस्पताल ले गयी और बाद में केंदुझर जिला मुख्यालय अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया। उनके मरने के बाद उनके शव को गांव लाने के लिए मुझे 1500 रुपये उधार लेने पड़े। हालांकि, मेरे अनुरोध के बावजूद किसी ने भी शव का अंतिम संस्कार करने में मदद के लिए हाथ नहीं बढ़ाया। उसने कहा कि ग्रामीणों द्वारा मेरे पति के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए ना कहने के बाद मुझे लगा कि इस पर रोने का कोई मतलब नहीं है और मैंने शव को दफनाने की जिम्मेदारी उठाने का फैसला किया।
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