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1995 में 22 सितंबर को ही फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष नवीन जिन्दल ने तिरंगे को लोकतांत्रिक बनाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल की थी याचिका
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फाउंडेशन 18 साल से चला रहा है राष्ट्रीय ध्वज के प्रति जागरूकता अभियान
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इस वर्ष शुरू किया गया है “हर घर तिरंगा-हर दिन तिरंगा” अभियान
भुवनेश्वर। फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष नवीन जिन्दल ने तिरंगे को जन-जन तक पहुंचाने की जो कानूनी लड़ाई लड़ी, उसमें 22 सितंबर की तारीख मील का पत्थर है। वर्ष-1995 में इसी दिन जिन्दल ने तिरंगे को लोकतांत्रिक बनाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। 23 जनवरी 2004 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लगभग 18 साल से फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया तिरंगे को घर-घर पहुंचाने के लिए प्रयासरत है और इस वर्ष आजादी के अमृत महोत्सव पर “हर घर तिरंगा – हर दिन तिरंगा” अभियान चलाया है। फाउंडेशन अभी तक लगभग 100 विशालकाय ध्वज देश के कोने-कोने में लगवा चुका है।
फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मेजर जनरल (रिटा.) अशीम कोहली ने कहा कि आज हम कहीं भी घूमने निकलते हैं तो सड़क किनारे, नुक्कड़-चौराहों या सार्वजनिक स्थानों पर तिरंगा फहरते देखकर हमें बहुत अच्छा लगता है। आज घर-दफ्तर और कारों में भी राष्ट्रीय ध्वज लगाकर लोग भारतीय होने की अपनी पहचान प्रदर्शित कर रहे हैं। 23 जनवरी 2004 के पहले आम दिनों में हमारा राष्ट्रीय ध्वज सिर्फ सरकारी इमारतों और सरकारी वाहनों की शान था।
यह सब देखकर आज हमें आश्चर्य होता है कि हमारा राष्ट्रीय ध्वज आम भारतीयों के जीवन का अभिन्न अंग कैसे बन गया? हर हाथ में तिरंगा कैसे पहुंच गया? इतिहास में झांकें तो कुछ दिनों को छोड़कर आम नागरिक राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहरा सकते थे। यह अधिकार प्राप्त करने के लिए नवीन जिन्दल ने एक लंबी और कठिन कानूनी लड़ाई लड़ी, जिसकी शुरुआत उन्होंने 22 सितंबर 1995 को दिल्ली हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर करके की थी। यह आसान लड़ाई नहीं थी। लगभग एक दशक लंबे संघर्ष के बाद उन्होंने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। इस तरह साल के 365 दिन पूरे मान-सम्मान के साथ तिरंगा फहराने का अधिकार हम सभी भारतीयों को मिल पाया।
आमतौर पर हम स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर तिरंगे के लिए लोगों में भारी उत्साह देखते हैं लेकिन अगले ही दिन उन्हें पता नहीं होता कि झंडे का क्या करना है? फ्लैग फाउंडेशन इस विषय पर लोगों को शिक्षित कर रहा है कि वे वर्ष भर पूरे उत्साह से झंडा फहराएं। अगर झंडा उतारना है तो पूरे मान-सम्मान से निर्धारित नियमों का पालन करते हुए वे यह कार्य करें। फाउंडेशन राष्ट्रीय ध्वज के मान-सम्मान को सर्वोच्च रखते हुए झंडा फहराने अथवा प्रदर्शित करने से संबंधित जिम्मेदारियों को समझने में लोगों की मदद कर रहा है।