भुवनेश्वर। 16 सितंबर को सत्यनगर स्थित उत्कल अनुज हिंदी वाचनालय में डॉ शंकर लाल पुरोहित की अध्यक्षता में हिन्दी दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत रामायण वंदना (हमें निज धर्म पर चलना बताती रोज रामायण) से हुआ। हिन्दी विद्वान अशोक पाण्डेय ने बताया कि हिन्दी की शब्द संपदा समृद्ध है, जिसमें सभी प्रकार के शब्द हैं, तत्सम, तद्भव,देशज तथा विदेशज। हिन्दी दिवस मनाने का औचित्य हिन्दी को सामान्य बोलचाल की भाषा के रूप में, अपने कामकाज की भाषा के रूप में, जनसंपर्क की भाषा के रूप में अधिक से अधिक होना चाहिए।
उनके अनुसार उत्कल अनुज हिंदी वाचनालय भुवनेश्वर में हिन्दी को बढ़ावा देने के क्षेत्र में प्रशंसनीय कार्य कर रहा है। इस अवसर पर किशन खंडेलवाल, कुलदीप गुप्ता, मुरारीलाल लढानिया, नमिता कर, रामकिशोर शर्मा, विक्रमादित्य सिंह, विनोद कुमार, अर्चना तिवारी, अनूप अग्रवाल, डा निधि गर्ग, शशि मिमानी आदि ने अपनी-अपनी स्वरचित हिन्दी कविताओं का पाठ किया। समारोह के अध्यक्ष डॉ शंकर लाल पुरोहित ने अपनी कविता का वाचनकर सभी को सरल हिन्दी बोलने और दैनिक कार्यों में प्रयोग करने का संदेश दिया। आमंत्रित श्रोता के रूप में श्रीमती राकेश गर्ग, मुनी अग्रवाल, मधु मिमानी, सजन लढानिया और कमल चौधरी आदि उपस्थित थे।