Home / Odisha / कनिष्ठ अभियंता को विदाई देने उमड़ी भीड़

कनिष्ठ अभियंता को विदाई देने उमड़ी भीड़

  •  स्वाभिमान आंचल की तस्वीर बदलने में निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका

  •  विदाई समारोह में उमड़ा जनसैलाब

  •  कंधों पर उठाकर जताया अपना प्यार और आभार

मालकानगिरि। माओवादी प्रभावित मालकानगिरि जिले के स्वाभिमान आंचल की तस्वीर बदलने वाले एक कनिष्ठ अभियंता की विदाई समारोह में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने अपने-अपने तरीके इस कनिष्ठ अभियंता को विदाई तथा कंधों पर उठाकर घुमाकर अपना प्यार और आभार जताया। इस क्षेत्र के आदिवासी समुदाय के लोगों के लिए यह एक भावुक क्षण था। यह कनिष्ठ अभियंता ग्रामीण विकास विभाग के हैं, जिन्होंने इस कट-ऑफ क्षेत्रों के विकास में प्रमुख भूमिका निर्वहन की थी। यह जिला कभी भाकपा (माओवादी) का गढ़ हुआ करता था। आज भी माओवादी अपनी उपस्थिति को विभिन्न गतिविधियों के जरिये दर्ज कराते रहते हैं। कनिष्ठ अभियंता का नाम प्रशांत कुमार बेहरा है।

माओवादियों के डर को दिखाया था ठेंगा
साल 2018 में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के गुरुप्रिया पुल के उद्घाटन के बाद राज्य सरकार ने स्वाभिमान आंचल के विकास के लिए करोड़ों रुपये प्रदान किये. माओवादियों के डर से जहां सरकारी कर्मचारी इलाके में जाने से डर रहे थे, वहीं कनिष्ठ अभियंता प्रशांत कुमार बेहरा आगे आ गये थे और उन्होंने इलाके में जाकर विकास को गति प्रदान की।
151 गांवों को जोड़ने की मिली थी जिम्मेदारी
राज्य सरकार ने उन्हें स्वाभिमान आंचल के 151 गांवों को जोड़ने की जिम्मेदारी दी थी। माओवादियों का दबाव इलाकों में बना था, लेकिन इसके बावजूद इस कनिष्ठ अभियंता ने स्थानीय लोगों का दिल जीता और लोगों ने भी उनका साथ दिया।

जान जोखिम में डालकर किया सर्वे
कनिष्ठ अभियंता का नाम प्रशांत कुमार बेहरा इस माओवादी प्रभावित जिले में सड़कों और पुलों के निर्माण के लिए एक सर्वेक्षण करने के लिए दौरा करने में अपनी जान जोखिम में डाल दी थी। वह कभी-कभी घोड़े की सवारी करते थे या दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए नाव की सवारी करते थे। वह कई बार जंगलों और नदियों से गुजरे।

चार साल में मेहनत से खोला विकास का रास्ता
बेहरा ने पिछले चार साल में अपनी मेहनत और समर्पण की बदौलत आदिवासी लोगों के लिए विकास का रास्ता खोल दिया। जनबाई और जोडंबा के बीच सड़क संपर्क और इसके आसपास के गांवों में पेयजल आपूर्ति और बिजली की व्यवस्था के साथ-साथ स्कूल और चिकित्सा केंद्र की स्थापना उनके कारण संभव हो सकी है।

कई बार हो चुके हैं पुरस्कृत
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इससे पहले बेहरा की प्रतिबद्धता की सराहना की थी। उन्हें जिला प्रशासन और राज्य सरकार की ओर से कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं।
रायगड़ा में विकास करने की नई जिम्मेदारी
अब उन्हें एक अन्य माओवादी प्रभावित जिले रायगड़ा में विकास कार्यों को करने की जिम्मेदारी दी गई है। इस कारण मालकानगिरि में रविवार को उनकी विदाई सभा के दौरान स्वाभिमान आंचल के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने बेहरा को फूल माला पहनाकर अपने कंधों पर उठाकर गांव का भ्रमण किया। लोगों ने सरकार से उन्हें एक बार फिर क्षेत्र में वापस करने की अपील की है।

Share this news

About desk

Check Also

भरतपुर मामले में गठित जांच आयोग की अवधि बढ़ी

न्यायिक आयोग को अब 31 जनवरी 2025 तक दिया गया समय भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *