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10वीं और +2 और अन्य परीक्षाओं में शामिल होने वाले हैं 160 कैदी
भुवनेश्वर। अपराधियों को सही रास्ते पर लाने के लिए शिक्षा सबसे अच्छा साधन है। इस दिशा में सरकार के प्रयास रंग ला रहे हैं। राजधानी स्थित झारपड़ा जेल के करीब 160 कैदी 10वीं और +2 और अन्य परीक्षाओं में शामिल होने वाले हैं। बताया जाता है कि इनमें 59 पुरुष और एक महिला के साथ कुल 60 कैदी 10वीं की परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। दूसरी ओर, नौ पुरुषों और तीन महिलाओं सहित 10 कैदी +2 परीक्षा में शामिल हो रहे हैं और दो कैदी पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) परीक्षा के लिए तैयार हैं।
ओडिशा राज्य मुक्त विश्वविद्यालय (ओएसओयू), इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) और राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) की ओर से आयोजित परीक्षाओं में शामिल होंगे।
जानकारी के अनुसार, इग्नू से बीए, बीकॉम और एमए की पढ़ाई करने वाले कुल 45 कैदी, ओएसओयू के माध्यम से बीए, बीबीए, जीए, एमए की पढ़ाई करने वाले 25 कैदी और एनआईओएस के माध्यम से 10 वीं, +2, वाणिज्य और योग की पढ़ाई करने वाले 60 कैदी परीक्षा दे रहे हैं।
इग्नू द्वारा आयोजित परीक्षाएं 5 सितंबर को समाप्त होंगी, जबकि एनआईओएस द्वारा आयोजित परीक्षाएं 6 सितंबर को समाप्त होंगी और ओएसओयू परीक्षाएं 30 सितंबर को समाप्त होंगी।
कई अन्य जेलों से भी परीक्षा देने आयेंगे कैदी
दिलचस्प बात यह है कि न केवल झारपड़ा जेल के ही कैदी यहां परीक्षा देते हैं, बल्कि जगतसिंहपुर, पुरी, अनुगूल और खुर्दा जेल के कैदी भी परीक्षा देने के लिए भुवनेश्वर स्थित इस स्पेशल जेल में आ रहे हैं। जिलों के कई उम्मीदवारों ने भी अच्छे अंकों के साथ परीक्षा उत्तीर्ण की है।
साल में दो बार होती है परीक्षा
साल में दो बार जेल में परीक्षाएं कराई जाती हैं। जहां अब कुल 160 कैदी परीक्षा में शामिल हो रहे हैं, वहीं 150 कैदियों ने इस साल दिसंबर में होने वाली परीक्षा में शामिल होने के लिए नामांकन किया है।
साल 2021 में 80 कैदियों ने परीक्षा दी
साल 2021 में कम से कम 80 कैदियों ने परीक्षा दी, साल 2020 में 60, 2019 में 56 और 2018 में 60 कैदियों ने परीक्षा दी थी।
रंग ला रही जेलर की मेहनत
बताया जाता है कि इसके लिए जेल में सरकार द्वारा एक शिक्षक की नियुक्ति की जाती है। विभिन्न शिक्षण संस्थानों के अच्छे शिक्षक भी कैदियों को शिक्षा प्रदान करने के लिए आते हैं। इसके अलावा झारपड़ा जेल प्रबंधन बंदियों के लिए किताबें, नोटबुक, पेन और अन्य सामग्री भी उपलब्ध करा रहा है। यहां तक कि जेलर कैदियों को राजी भी कर रहे हैं और शिक्षा के लिए उनका नामांकन करा रहे हैं। उनके प्रयासों के कारण अध्ययन करने वाले कैदियों की संख्या नियमित बढ़ रही है।