कटक. युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनिश्री जिनेश कुमार जी ने कहा कि महिला दुनिया की बहुत बड़ी शक्ति है. स्वस्थ समाज निर्माण में उसकी बहुत बड़ी भूमि का हो सकती है. बशर्ते उसका सशक्तिकरण है और सही मार्गदर्शन उन्हें मिले. अर्थ और आधुनिकता की अंधी दौड़ने सामाजिक ताने-बाने को बहुत नुकसान पहुंचाया है. समाज में एक नहीं, अनेक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं. उन समस्याओं का समाधान महिला सशक्तिकरण के साथ जुड़ा हुआ है. इसलिए समय-समय पर विभिन्न प्रबोधन कार्यशालाओं के माध्यम से प्रयास किया जा रहा है कि समाज की महिला शक्ति जागृत हो और सशक्त हो, जिससे घर-परिवार, समाज में सुख-शांति व समृद्धि का माहौल अच्छे स्तर पर रह सकें.
वर्तमान में महिलाओं में शिक्षा का स्तर बहुत अच्छा हुआ है, परंतु संस्कार और सहिष्णुता जैसे नैतिक मूल्य घटते जा रहे हैं. उन मूल्यों के संवर्धन के लिए जरूरी है प्रशिक्षण. प्रशिक्षित महिला है अपने घर परिवार को सस्कारों की दृष्टि से समृद्ध बना सकती है. महिला दुर्गा है, सरस्वती है, लक्ष्मी है. भारत देश में महिलाओं को अतीत से भविष्य और अधिक उज्ज्वल बने? यह अपेक्षा है. अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल पूरे देश भर में अपने 60 हजार महिला कार्यकर्ताओं के साथ शाखा मंडलों द्वारा नारी सशक्तिकरण के कार्य कर रही है. आचार्य श्री महाश्रमण जी के मार्गदर्शन में यह संगठन महिला समाज के उत्थान के लिए निरंतर प्रयत्नशील है. प्रस्तुत कार्यक्रम उसकी एक झलक है.