-
ओड़िया और संस्कृत में हासिल की 100-100 नंबर
-
एचएससी की दसवीं बोर्ड परीक्षा में 95.33 प्रतिशत अंक हुए हासिल
-
भाषाई विवाद मिटाने का दिया संदेश, जहां चाह है, वहीं राह है
हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर
उत्तर प्रदेश की बेटी ने ओडिशा में कमाल कर दिखाया है. अक्सर भाषागत पढ़ाई को लेकर आपने विवाद होते हुए देखा, लेकिन इस बेटी ने विवाद करने को एक बड़ा संदेश दिया है. इसने साबित कर दिया है कि जहां चाह, वहां राह है. एक बार लक्ष्य को तय कर लिया जाये, तो कोई भी मुकान हासिल किया जा सकता है.
दरअसर, उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ की इस बेटी रिया राय ने ओड़िया भाषा में पढ़कर अपना परचम लहराया है. पिता पेशे से पत्रकार हैं और माता एक कुशल गृहणी हैं. बेटी रिया राय ने एचएससी की दसवीं की बोर्ड परीक्षा में 95.33 प्रतिशत अंक अर्जित कर न सिर्फ अपने स्कूल श्री अरविंद पूर्णां शिक्षा केन्द्र पाड्रा रसूलगढ़, भुवनेश्वर का नाम रौशन किया है, अपित अपने पैतृक गांव, जिला और प्रदेश के साथ-साथ अपने मां-बाप का भी नाम रौशन किया है.
गत 5 जुलाई को घोषित नतीजों में रिया ने ओड़िया में जहां सौ में सौ अंक हासिल किया है, वहीं संस्कृत में भी सौ में से सौ अंक लाकर सभी को चौंका दिया है. एक गैरओड़ियाभाषी होकर भी रिया ने ओड़िया में जो कमाल दिखाया है, वह बहुत ही कम या कहें तो नहीं के बराबर छात्रों ने यह अंक हासिल किया होगा. रिया का सपना डाक्टर बनने का है.
भाषाई विवाद मिटाने को बड़ा संदेश
अक्सर हमने देखा है कि लोग दूसरे भाषाओं में पढ़ाई को पसंद नहीं करते हैं. समय समय अक्सर कहीं न कहीं भाषागत विवाद देखने को मिलता है, लेकिन रिया ने ओड़िया के साथ-साथ संस्कृत में सौ में सौ नंबर लाकर यह साबित कर दिया कि भाषाओं को लेकर विवाद की जगह रियाज की जरूरत है. थोड़ी से मेहनत करते किसी दूसरी भाषा को सही मायने में मौसी बनाया जा सकता है. वैसे भी कहा जाता है कि हिन्दी अगर मां है, तो ओड़िया मौसी और संस्कृत जननी है. रिया ने अपनी मेहनत से इस बात को सही साबित कर दिया है.