भुवनेश्वर. जैन तेरापंथ धर्म संघ के दशम अनुशास्ता प्रेक्षा प्रणेता, प्रज्ञा पुरुष आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी का 103 वां जन्म दिवस प्रज्ञा दिवस के रुप में स्थानीय उत्कल रायल रेसिडेंशियल के कम्युनिटी हाल में आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनिश्री डॉ ज्ञानेन्द्र कुमार जी मुनिश्री डॉ बिमलेश कुमार तथा मुनिश्री पदम कुमार जी के सानिध्य में बहुत हर्षो उल्लास के साथ मनाया गया. मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान बर से पधारे हुए विद्वान पंडित कुन्दन महाराज थे. नमस्कार महामंत्र से समारोह आरम्भ हुआ. मुनिश्री बिमलेश कुमार जी ने महाप्रज्ञ अष्टकम का संघान किया तथा श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा अध्यक्ष बच्छराज बेताला ने स्वागत व्यक्तव्य के साथ प्रेक्षाप्रणेता आचार्य श्री महाद्रज्ञ जी सिद्धान्तों पर प्रकाश डाला. महिला मंडल की अध्यक्ष मधु गिड़िया ने अपने विचार व्यक्त किया. सपना बेद तथा महिला मंडल की पूर्व अध्यक्ष मुन्नी बेताला ने गीतिका तथा कविता के माध्यम से अपने आराध्य के प्रति भावान्जलि प्रेषित की. मुनिश्री पदम कुमार ने अपने गुरु का गुणगान किया. मुनिश्री डॉ विमलेश कुमार ने आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी के सिद्धांतों पर प्रकाश डाला तथा उन चलने की प्रेरणा दी. बर से पधारे मुख्य अतिथि महोदय ने प्रत्यक्ष देव माता, पिता को बताया तथा आचार्य श्री के प्रति भावान्जलि प्रकट की और अपने विचारों से सभी को प्रभावित किया. मुनिश्री डॉ ज्ञानेन्द्र कुमार जी ने प्रज्ञा पुरुष आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी के सिद्धांतों पर गहन प्रकाश डाला तथा उद्बोधन में आचार्य श्री के जीवन के बारे में विस्तृत प्रेरणा दायक जानकारी दी. आयोजन का सफल संचालन सभा मंत्री श्री पारस सुराणा ने किया धन्यवाद ज्ञापन तथा अपने आराध्य को भावान्जलि दी. बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने समारोह में भाग लिया तथा अंत में मुनिश्री ने मंगल पाठ किया. श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा भुवनेश्वर ने आयोजित किया कार्यक्रम.
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