भुवनेश्वर. वाणीक्षेत्र स्थित कीस जगन्नाथ मंदिर का 16वां स्थापना दिवस मनाया गया. यहां की यज्ञशाला में चार दिनों तक पुरी के पण्डित सूर्य नारायण रथशर्मा की अगुआई में अनेक आचार्यों ने विष्णु सहस्त्रनाम महायज्ञ किया. इस अवसर पर संत बाबा रामनारायण दास, स्वामी शिवचिदानन्द, स्वामी जगन्नाथानन्द आदि संत उपस्थित थे. कीस वाणी क्षेत्र जगन्नाथ मंदिर के प्राणप्रतिष्ठाता प्रोफेसर अच्युत सामंत ने पुरी धाम जाकर महायज्ञ हेतु आज्ञामाल लाया. कटक जाकर महानदी का पवित्र जल लाया और पूरे आध्यात्मिक परिवेश में मुख्य यजमान के रुप में महायज्ञ कराये. इस अवसर पर भजन-कीर्तन, रामनाम संकीर्तन आदि चारों दिन 24 घण्टे चला. प्रोफेसर अच्युत सामंत, संस्थापक कीट-कीस तथा कंधमाल लोकसभा सांसद ने कहा कि उनका पूरा जीवन सरल, सत्यनिष्ठ, अनुशासित तथा आध्यात्मिक है जिसके बदौलत वे प्रतिदिन अपने जनसेवा तथा लोकसेवा के कार्यों से समय निकालकर 3-3 घण्टे आध्यात्मिक कार्यों में लगाते हैं तथा साधु-संतों की संगति करते हैं. उन्होंने बताया कि जब वे वाणीक्षेत्र जगन्नाथ मंदिर की स्थापना किये तो उनको यह प्रेरणा स्वयं जगन्नाथ भगवान ने 16 साल पहले स्वप्न में दी और पुरी धाम के गजपति महाराजा श्री दिव्य सिंहदेव जी की अनुमति से तथा उनकी गरिमामई उपस्थिति में कीस जगन्नाथ मंदिर का निर्माण हुआ, जहां पर प्रतिवर्ष जगन्नाथ जी कृपा से साल के 12 महीनों में 13 पर्व मनाया जाता है. महायज्ञ की पूर्णाहूति पर सैकड़ों की संख्या में साधु-संत, ब्राह्मण तथा स्थानीय जगन्नाथ भक्त उपस्थित होकर पूर्ऩाहूति में हिस्सा लिया तथा महाप्रसाद सेवन किया.
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