Home / Odisha / नवीन ने 23 विभागों के सलाहकार, अध्यक्ष के पद भंग किये

नवीन ने 23 विभागों के सलाहकार, अध्यक्ष के पद भंग किये

  •  एक साथ कैबिनेट से इस्तीफा मांगने के बाद मुख्यमंत्री ने उठाया दूसरा सबसे बड़ा कदम

  •  राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष संजय दास वर्मा को भी पद से हटाया गया

भुवनेश्वर. ओडिशा में एक साथ सभी कैबिनेट मंत्रियों से इस्तीफा मांगने के तुरंत बाद ही मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए 23 विभागों, निगमों, बोर्डों के सलाहकारों और चेयरमैन के कार्यालयों को भंग कर दिया. इससे इसके प्रभारी भी पदमुक्त हो गये हैं. मुख्यमंत्री का नया आदेश आज से प्रभावी हो गया है. राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष संजय दास वर्मा को भी पद से हटा दिया गया है. जिन सलाहकारों या अध्यक्षों के कार्यालय आज से बंद हो गये हैं, उसमें शामिल हैं देवाशीष मोहंती, ओडिशा कृषि उद्योग निगम के अध्यक्ष, ईश्वर पाणिग्राही, ओडिशा राज्य बीज निगम के अध्यक्ष, प्रवतादित्य मिश्र, एपिकॉल के अध्यक्ष, असित पटनायक, ओडिशा मत्स्य पालन विकास निगम के अध्यक्ष, अमरेंद्र दास, ओडिशा राज्य काजू विकास निगम के अध्यक्ष, मिनकेतना आमंत, ओडिशा ग्रामीण आवास निगम के अध्यक्ष, चिन्मय साहू, ओएसआईसी के अध्यक्ष, श्रीमयी मिश्र, ओटीडीसी के अध्यक्ष, अमरेश पात्री, ओडिशा लिफ्ट सिंचाई निगम के अध्यक्ष, सत्यव्रत त्रिपाठी, ओडिशा राज्य फिल्म विकास निगम के अध्यक्ष, विजय नायक, ओडिशा राज्य युवा कल्याण बोर्ड के प्रमुख, प्रियदर्शी मिश्र, ओडिशा राज्य आवास बोर्ड के अध्यक्ष, संग्राम केशरी पाइकराय, ओडिशा खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष, अनुभव पटनायक, ईटी एंड आईटी विभाग के सलाहकार, कृतिवास पात्र, कृषि और किसान विभाग के सलाहकार, उत्कल केशरी परिडा, चिलिका विकास प्राधिकरण के सलाहकार, देवाशीष मल्लिक, ओडिशा वन विकास निगम के सलाहकार, जन्मेजय लेंका, ओड़िया भाषा, साहित्य और संस्कृति विभाग के सलाहकार, रामचंद्र पंडा, ओडिशा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के सलाहकार, संजय कुमार दास वर्मा, राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष, डॉ लोपामुद्रा बक्शीपात्र, मिशन शक्ति के सलाहकार, पुष्पेंद्र सिंहदेव, डब्ल्यूओडीसी के सदस्य, सुधीर दास, बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना.

Share this news

About desk

Check Also

गिरिराज सिंह के बयान से भाजपा कार्यकर्ताओं को झटका

नवीन पटनायक की सराहना से बीजद सरकार के कार्यों को मिली मान्यता राज्य के पिछड़ेपन …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *