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जगन्नाथ सेना ने दी कोर्ट जाने की चेतावनी
पुरी. पुरी में श्रीमंदिर परिक्रमा परियोजना को लेकर चल रहे विवाद के बीच जगन्नाथ सेना ने आज मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की. संगठन के सदस्यों ने पुरी के जिलाधिकारी, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई), श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए), टाटा और ओबीसीसी के खिलाफ आरोप लगाया है. जगन्नाथ सेना ने आरोप लगाया है कि एनएमए का ‘फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र’ दिखाकर परियोजना का कार्य किया जा रहा है. जगन्नाथ सेना ने इस संबंध में सीबीआई द्वारा मामला दर्ज नहीं करने पर हाईकोर्ट जाने की धमकी दी है. इसके लिए वह आरटीआई में सामने आई जानकारी को आधार बनायेगा. इस संगठन के संयोजक प्रियदर्शन पटनायक ने कहा कि पुरी के जिलाधिकारी से लेकर सांसद पिनाकी मिश्र और मुख्य सचिव से एएसआई तक, ओडिशा सरकार अवैध गतिविधियों में लिप्त है और गलत कामों पर पर्दा डालने के लिए झूठ के बाद झूठ बोल रही है. उन्होंने कहा कि हम पूछना चाहते हैं कि ये झूठ किसके हित में हैं. पटनायक ने आगे कहा कि उन्होंने एक आरटीआई से जानकारी मांगा थी और 11 मई को हमें पता चला कि कोई एनओसी जारी नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि हम एक विस्तृत जांच चाहते हैं और चाहते हैं कि सीबीआई इस संबंध में मामला दर्ज करे. अगर जांच में मामला दर्ज नहीं होता है, तो हम जरूरत पड़ने पर उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय का रुख करेंगे. इससे पहले जगन्नाथ सेना ने भुवनेश्वर के लिंगराज पुलिस स्टेशन में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीक्षक के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी और आरोप लगाया था कि उन्होंने अपने कर्तव्य की उपेक्षा की और पुरी श्रीमंदिर के आसपास ‘अवैध’ निर्माण के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.