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लक्षण पाये जाने पर संगरोध में रहना होगा
भुवनेश्वर. केंद्र सरकार की अंतरिम सलाह के बाद मंकीपॉक्स को लेकर ओडिशा सरकार सतर्क हो गयी है. हालात पर नजर रखने के लिए जिलों के निगरानी अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं. बताया गया है कि विदेशों में मंकीपॉक्स वायरल के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है. इसके मद्देनजर मंकीपॉक्स की स्थिति पर कड़ी नजर रखने के लिए केंद्र ने अंतरिम सलाह जारी की है. राज्य के स्वास्थ्य निदेशक विजय महापात्र ने आज कहा कि हालांकि अभी तक ओडिशा में या देश में कहीं सभी ऐसे मामले देखने को नहीं मिले हैं. बावजूद इसके केंद्र सरकार ने राज्यों को सावधानी बरतने के लिए कहा है, क्योंकि भारत में इस बीमारी के होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.
केंद्र सरकार ने स्थिति पर कड़ी नजर रखने के लिए आईसीडीसी और आईसीएमआर को सलाह दी है कि केवल उन मामलों में एनआईवी पुणे को नमूने भेजे, जहां लोगों में बीमारी के कुछ विशिष्ट लक्षण देखने को मिल रहे हों. साथ लक्षणों वाले लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं से युक्त जगहों पर संगरोध में रखा जायेगा. इनको तबतक संगरोध में रखा जायेगा, तबकि इनसे लक्षण या बीमारी ठीक नहीं हो जायेगी. बीते 21 दिनों के दौरान विदेशों की यात्रा करने वालों की निगरानी रखने को कहा गया है.
मृत्यु दर 1-10% से हो सकती है भिन्न
बताया गया है कि मंकीपॉक्स आमतौर पर 2 से 4 सप्ताह तक चलने वाली बीमारी है. इस दौरान तक इसके लक्षण भी देखने को मिलेंगे. मामले की मृत्यु दर 1-10% से भिन्न हो सकती है.
ऐसे करेगा शरीर में प्रवेश
मंकीपॉक्स जानवर से इंसान में और इंसान से इंसान में भी फैल सकता है. वायरस फटी हुई त्वचा, चाहे वह भले ही दिखाई न दे, श्वसन के जरिये, या आंख, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है. इतना ही नहीं, काटने या खरोंचने, शरीर के तरल पदार्थ या घाव सामग्री के साथ सीधे संपर्क में आने से या घाव सामग्री के साथ अप्रत्यक्ष संपर्क में आने से यह संक्रमित कर सकता है.