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ओडिशा में जिला परिषद 82 नवनिर्वाचित सदस्यों के खिलाफ आपराधिक मामले

  •  65 जिप सदस्य गंभीर आपराधिक आरोपों का कर रहे हैं सामना

  •  करोड़पति सदस्यों की सूची में बीजद की तीन महिला सदस्य शीर्ष पर

  •  451 की शैक्षणिक योग्यता 5वीं पास और 12वीं पास के बीच, 256 स्नातक और उससे ऊपर की शैक्षणिक योग्यता घोषित की

  •  जिला परिषद के छह सदस्य हैं डिप्लोमा धारक

  •  ओडिशा इलेक्शन वॉच एंड एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने जारी की रिपोर्ट

भुवनेश्वर. ओडिशा में जिला परिषद के 82 नवनिर्वाचित सदस्यों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 65 गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं. करोड़पति सदस्यों की सूची में बीजद की तीन महिला सदस्य शीर्ष पर हैं. 451 नवनिर्वाचित सदस्यों की शैक्षणिक योग्यता 5वीं पास और 12वीं पास के बीच है. 256 सदस्यों ने स्नातक और उससे ऊपर की शैक्षणिक योग्यता घोषित की है तथा जिला परिषद के छह सदस्य डिप्लोमा धारक हैं.
यह दावा ओडिशा इलेक्शन वॉच एंड एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने मंगलवार को जारी अपनी रिपोर्ट में किया है. एडीआर ने ओडिशा में हाल ही में संपन्न पंचायत चुनावों में 851 विजयी जिला परिषद उम्मीदवारों में से 726 के हलफनामों का विश्लेषण करने के बाद आपराधिक मामलों, संपत्ति, शिक्षा और उम्र के बारे में आंकड़ा साझा किया है. बताया गया है कि शेष हलफनामों का विश्लेषण नहीं किया गया, क्योंकि वे इस रिपोर्ट को बनाने के समय वेबसाइट पर अपलोड नहीं किये गये थे. आंकड़ों के अनुसार, 726 विश्लेषित सदस्यों में से 82 सदस्यों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किये हैं. इनमें से 65 जिप सदस्य गंभीर आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं, जिनमें हत्या के प्रयास, महिलाओं के खिलाफ अपराध आदि से संबंधित मामले शामिल हैं. इनका आंकड़ा कुल सदस्यों का नौ फीसदी है. 15 नवनिर्वाचित सदस्यों ने हत्या के प्रयास (आईपीसी की धारा-307) के मामले घोषित किये हैं, वहीं 12 सदस्य महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित मामलों का सामना कर रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार, सत्तारूढ़ बीजद के 661 विश्लेषित सदस्यों में से 66 सदस्यों ने स्वयं आपराधिक मामले घोषित किये हैं. ये कुल दलगत संख्या का 10 प्रतिशत हैं. इसी तरह से भाजपा के 37 सदस्यों में से छह नवनिर्वाचित सदस्य इसी तरह के आरोपों का सामना कर रहे हैं. ये दलगत संख्या के 16 प्रतिशत हैं. कांग्रेस के 22 निर्वाचित सदस्यों में से 7 (32 प्रतिशत), झामुमो के 3 सदस्यों में से 1 (33 प्रतिशत), माकपा के एक सदस्य में से एक (100 प्रतिशत) और दो निर्दलीय सदस्यों में से एक (50 प्रतिशत) ने अपने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किये हैं.
विश्लेषित 726 जिला परिषद सदस्यों में से 95 (13 प्रतिशत) करोड़पति हैं. इनमें से सबसे अधिक 90 सदस्य सत्तारूढ़ बीजद से हैं. बीजद की तीन सदस्याएं रेबती नायक, गीतारानी मलिक और कुंती प्रधान ने अपनी कुल संपत्ति क्रमश: 18.68 करोड़ रुपये, 17.06 करोड़ रुपये और 10.21 करोड़ रुपये घोषित की है. ये सदस्य संपत्ति की सूची में सबसे ऊपर हैं. भाजपा के 37 जिला परिषद सदस्यों में से तीन और कांग्रेस के 22 जिला परिषद सदस्यों में से दो ने एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है. जारी की गयी रिपोर्ट में कहा गया है कि ओडिशा में प्रति जिला परिषद सदस्य की औसत संपत्ति 56.60 लाख रुपये है.
एडीआर की आगे की रिपोर्ट में कहा गया है कि 451 सदस्यों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 5वीं पास और 12वीं पास के बीच घोषित की है, जबकि 256 (35 फीसदी) सदस्यों ने स्नातक और उससे ऊपर की शैक्षणिक योग्यता घोषित की है. जिला परिषद के छह सदस्य हैं जो डिप्लोमा धारक हैं. इसके अलावा छह सदस्यों ने खुद को सिर्फ साक्षर घोषित किया है और छह अन्य सदस्यों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता नहीं दी है. इसमें कहा गया है कि जिन 726 जिला परिषद सदस्यों का विश्लेषण किया गया, उनमें से 385 (53 प्रतिशत) सदस्य महिलाएं हैं.

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