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छाया रहा स्मितारानी हत्या मामला, प्रश्नकाल व शून्यकाल बाधित
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हंगामे के बीच कार्य स्थगन प्रस्ताव का मंत्री ने दिया जवाब
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आत्महत्या के कारण हो सकती है स्मितारानी की मौत – मंत्री
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भाजपा विधायकों ने जारी रहा विरोध, मंत्री के उत्तर से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों का बहिर्गमन
भुवनेश्वर – ओडिशा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी हंगामा जारी रहा। हंगामे के बीच कार्य स्थगन प्रस्ताव का मंत्री ने जवाब दिया । कहा आत्महत्या के कारण उसकी मौत हो सकती है। इससे असंतुष्ट भाजपा विधायकों का विरोध जारी रहा, जबकि कांग्रेस के विधायक बहिर्गमन कर गये। जाजपुर की पंचायत कर्मचारी स्मितारानी बिश्वाल की हत्या के मामले को लेकर हंगामे के कारण सदन बार-बार स्थगित हुआ। हंगामे के कारण विधानसभा अध्यक्ष सूर्य नारायण पात्र ने पहले 10.33 से दोपहर 12 बजे व बाद में 12.09 से बजे से दोपहर 12.39 बजे तक स्थगित कर दिया । इस कारण प्रश्नकाल व शून्यकाल का कार्यक्रम नहीं हो सका । गुरुवार को निर्धारित समय 10.30 पर विधानसभा की कार्यवाही शुरु हुई । विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल का कार्यक्रम शुरु करना चाहा । तभी कांग्रेस विधायक तारा प्रसाद वाहिनिपति ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि प्रश्नकाल को स्थगित कर स्मितारानी हत्या मामले में चर्चा करायी जाए । लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी बात को अनुसना करते हुए प्रश्नकाल का कार्यक्रम जारी रखना चाहा । तभी तारा प्रसाद वाहिनीपति व अन्य कांग्रसे विधायक सदन के बीच में आकर हंगामा करने लगे । उधर, प्रतिपक्ष के नेता प्रदीप्त नायक भी अपनी सीट पर खडे़ होकर कुछ कहना चाहते थे, लेकिन हंगामे के कारण उनकी आवाज प्रेस गैलरी तक स्पष्ट नहीं हो रही थी । भाजपा विधायक भी इसी समान मुद्दे को लेकर हाथों में प्लेकार्ड लेकर सदन के बीच में आकर प्रदर्शन किया व नारेबाजी की। इन प्लेकार्डों में उल्लेख था कि स्मितारानी हत्या मामले में अभियुक्तों को सत्तारुढ़ पार्टी क्यों बचा रही है । जिस गेस्ट हाउस में स्मितारानी की हत्या हुई थी उसका सीसीटीवी को किसने गाय़ब किया। कांग्रेस विधायक तारा प्रसाद वाहिनीपति विधानसभा के पोडियम के ऊपर चढ़ने का प्रयास किया। विधानसभा के मार्शाल उन्हें रोकते देखते गये । उधर, कांग्रेस के विधायकों ने नारेबाजी जारी रखी थी । भाजपा विधायकों ने भी प्लेकार्ड लेकर नारेबाजी की। विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें अपनी-अपनी सीट पर जाकर सदन की कार्यवाही में सहयोग करने की अपील की, लेकिन विपक्षी विधायक हंगामा करते रहे । हंगामा बढ़ते देख विधानसभा अध्यक्ष से सदन की कार्यवाही को 10.33 से 12 बजे तक स्थगित कर दिया ।
उल्लेखनीय है कि इसी मुद्दे को लेकर सत्र के पहले दिन भी हंगामा हुआ था और सदन की कार्रवाई नहीं हो सकी थी । स्मितारानी बिश्वाल मामले में दो बार विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद हंगामे के बीच राज्य के गृह राज्य मंत्री दिव्यशंकर मिश्र ने कांग्रेस द्वारा लाये गये कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा का उत्तर दिया । भाजपा विधायकों ने जहां नारेबाजी जारी रखी, वहीं कांग्रेस विधायकों ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरा । मंत्री मिश्र के उत्तर पर असंतोष जाहिर कर कांग्रेस विधायकों ने सदन से बहिर्गमन किया।
दोपहर 12.39 पर जब सदन की कार्यवाही शुरु हुई तो भाजपा विधायकों ने नारेबाजी जारी रखी । शोर शराबे के बीच राज्य के गृह राज्य मंत्री दिव्यशंकर मिश्र ने कहा कि धर्मशाला प्रखंड के हरिदासपुर के महिला कर्मचारी स्मितारानी बिश्वाल मृत्यु मामले मे एक यूडी मामला दर्ज किया गया है । इस मामले में अभियुक्त रुपेश भद्र गिरफ्तार हो कर जेल में है । पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के अनुसार स्मितारानी ने गले में रस्सी लगाने के कारण उनकी मौत हुई है । रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि मृत्यु का कारण आत्महत्या हो सकता है ।
उन्होंने उत्तर में कहा कि इस मामले में आरोपित रुपेश भद्र को गिरफ्तार किया गया है और वह वर्तमान में जेल में है । उसे धारा 306 के तहत गिरफ्तार किया गया है । मामले की जांच जारी है । हंगामे के बीच कार्यस्थगन प्रस्ताव लाने वाले कांग्रेस के विधायक नरसिंह मिश्र, सुरेश राउतराय, संतोष सिंह सालुजा व तारा प्रसाद वाहिनीपति ने कहा कि स्मितारानी की हत्या एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना तथा ओडिशा के लिए कलंक है। उन्होंने कहा कि यह मामला इतना संवेदनशील होने के बावजूद भी मुख्यमंत्री ने इसका उत्तर नहीं दिया, बल्कि राज्य मंत्री को उत्तर देने के लिए कहा । उन्होंने कहा कि स्मितारानी को स्थानीय सरपंच के पति एक कार से गेस्ट हाउस लाये थे । इसके बाद उनके साथ दुष्कर्म किया गया और बाद में उनकी हत्या की गई । यह आत्महत्या नहीं है, बल्कि हत्या है । पुलिस मामले को रफा दफा करना चाहती है । इसलिए मामले की सीबीआई जांच या फिर हाइकोर्ट के न्यायाधीश के द्वारा एसआईटी का गठन कर जांच हो यह कांग्रेस की मांग है । कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्र ने कहा कि इस मामले में चर्चा के समय मुख्यमंत्री नहीं है । इस मामले में सुनने के लिए मुख्यमंत्री के पास साहस नहीं है । हंगामा के बीच इस मामले में सत्तारुढ़ पार्टी के विधायक अमर प्रसाद सतपथी, प्रफुल्ल सामल, अश्विनी पात्र व सरकारी पार्टी के मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक ने कहा कि कांग्रेस व भाजपा द्वारा इस मामले की सीबीआई जांच के लिए मांग की जा रही है, जोकि गलत है। इसकी आवश्यकता नहीं है । ओडिशा पुलिस मामले की सही दिशा में जांच कर रही है। किन परिस्थितियों में स्मितारानी ने आत्महत्या की है उसेकी जांच हो रही ही । विपक्षी पार्टियां इस मांमले का राजनीतिकरण कर रही है । ऐसा करने पर मृतक महिला के परिवार को न्याय नहीं मिल सकता । विपक्षी पार्टियों के पास यदि किसी प्रकार का प्रमाण है तो वे पुलिस को दें । पुलिस जांच कर रही है । पुलिस पर विपक्षी विधायक विश्वास रखे । उधर मामले की जांच एसआईटी द्वारा न माने जाने के कारण मंत्री मिश्र के जवाब पर असंतोष व्यक्त करते हुए कांग्रेस विधायकों के साथ वाक आउट किया ।