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विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट ने लड़की के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए पुलिस को दिया निर्देश
भुवनेश्वर. एक लड़की को सामूहिक बलात्कार का झूठा मामला दर्ज करना महंगा पड़ गया है. अब उसके खिलाफ ही पुलिस मामला दर्ज करेगी. ओडिशा के फूलबाणी में विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट ने शनिवार को पुलिस को एक लड़की के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है. इसने सामूहिक बलात्कार का झूठा मामला दर्ज कराया था. जानकारी के अनुसार, इससे पहले मई 2020 में, कथित पीड़िता की शिकायत के आधार पर कंधमाल के सदर पुलिस स्टेशन में सामूहिक बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था. हालांकि, बाद में लड़की ने एफआईआर दर्ज करने के दौरान दिए गए बयान से बदल दिया, जब उसने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराया. इसके अलावा, मामले की सुनवाई के दौरान, लड़की ने कहा कि उसके साथ बलात्कार नहीं किया गया था.
लड़की के ताजा बयान को ध्यान में रखते हुए और पूरे मामले का अध्ययन करते हुए फूलबाणी फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश ने आरोपी व्यक्ति को दोषमुक्त करार दिया और उन्हें रिहा करने का निर्देश दिया.
इसके अलावा अदालत ने पुलिस को लड़की के खिलाफ झूठा मामला दर्ज करने के लिए प्राथमिकी दर्ज करने का भी आदेश दिया. अदालत ने बलात्कार पीड़ितों के लिए लड़की को वित्तीय सहायता देना बंद करने का भी आदेश दिया है.
लोक अभियोजक विजय पटनायक ने मीडिया से कहा कि अदालत ने महसूस किया कि शिकायतकर्ता ने सामूहिक बलात्कार का शिकार होने का झूठा आरोप लगाया था. अदालत ने लड़की के खिलाफ आईपीसी की धारा 193 के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया है.
लोक अभियोजक ने यह भी बताया कि अदालत ने मामले की कार्यवाही जारी रहने तक शिकायतकर्ता को वित्तीय सहायता देना बंद करने का आदेश दिया है.
हालांकि, शिकायतकर्ता के वकील विजय मोहंती ने कहा कि मजिस्ट्रेट के सामने लड़की के बयान को पुलिस ने मजबूर किया था, लेकिन उसे अपने पहले के बयान भी याद नहीं थे. लड़की के ऐसे भ्रामक बयानों को देखते हुए अदालत ने आरोपी व्यक्तियों को निर्दोष घोषित किया और उन्हें रिहा कर दिया.
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