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अयोध्या में कारसेवा के दौरान दी थी अपनी बलिदान
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बहन किया सम्मान को ग्रहण
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कटक में स्थापित की जायेगी राम कुमार कोठारी व शरद कुमार कोठारी की प्रतिमा – श्याम सुंदर पोद्दार
बड़े भावुक शब्दों में रुंधे गले से उन्होंने आगे कहा कि तब बड़े भाई के ये शब्द सुनकर छोटे भाई ने कहा था कि जहां राम हैं लक्ष्मण भी वहीं होगा. इसलिए राम के साथ उनका जाने का भी अधिकार है. इस पर आयोजक मंडल नि:शब्द हो गया था और उन दोनों को ही अयोध्या जाने की अनुमति प्राप्त हो गई.
उन्होंने कहा कि मैं यह जानकर अपने आपको बहुत ही गौरवान्वित अनुभव करती हूं कि मैं दो बलिदानी भाइयों की बहन हूँ. मैं उनकी बलिदानी भावना का सम्मान करते हुए उनके बलिदान को नमस्कार करती हूँ और इस बात पर हर्ष व्यक्त करती हूं कि वीर सावरकर फाउंडेशन जैसी संस्थाएं उनके बलिदान को उचित सम्मान दे रही हैं. उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए बहुत ही खुशी का और आत्मिक प्रसन्नता का विषय है कि बाबरी मस्जिद पर सबसे पहले भगवा ध्वज फहराने वाले मेरे ही बड़े भाई थे.
वीर सावरकर फाउंडेशन की ओर से यहां पर आयोजित किए गए राष्ट्रीय पुरस्कार कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ राकेश कुमार आर्य ने कहा कि कोठारी बंधुओं ने जिस उद्देश्य और सोच के साथ अपना बलिदान दिया, उसे हिंदुस्तान की आने वाली पीढ़ियां कभी भुला नहीं पाएंगी. कोठारी बंधुओं के बलिदान पर प्रकाश डालते हुए अपने विशेष वक्तव्य में राजेश कुमार अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने बलिदान से पहले ही सर पर कफन बांध लिया था.
इस अवसर पर वीर सावरकर फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रह्लाद खंडेलवाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कोठारी बंधुओं ने देश धर्म की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर हम सबके लिए प्रेरणा की दिव्य ज्योति जलाई है. इसे हम सदा प्रज्वलित रखने का प्रयास करते रहेंगे. फाउंडेशन के महामंत्री श्याम सुंदर पोद्दार ने कहा कि कोठारी बंधुओं की प्रतिमा कटक में लगाई जाएगी, जिससे उनके तेजस्वी ओजस्वी जीवन से आने वाली पीढ़ियां प्रेरणा ले सकें.