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पूर्वी भारत का पहला पीईटी-सीटी उपकरण सरकारी अस्पताल बना
इस मौके पर न्यूक्लियर मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कन्हैया अग्रवाल ने बताया कि स्थापित पीईटी-सीटी उपकरण 128-स्लाइस सीटी और एलएसओ क्रिस्टल के साथ उच्च अंत है, जो ओडिशा राज्य में अपनी तरह का पहला है. उच्च अंत उपकरणों के कारण, बेहतर इमेजिंग के साथ रोगी को विकिरण की खुराक कम होगी, जिससे सटीक निदान हो सकेगा. पीईटी-सीटी का उपयोग मुख्य रूप से कैंसर के रोगियों में कैंसर का पता लगाने, यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है कि क्या शरीर में कैंसर फैल गया है. इसके अलावा इसका उपयोग उपचार की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए, यह निर्धारित करने के लिए कि क्या कैंसर उपचार के बाद वापस आ गया है, रोग का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है. इसके अलावा, इसका उपयोग हृदय के क्षेत्रों पर दिल के दौरे के प्रभावों को निर्धारित करने, हृदय की मांसपेशियों के उन क्षेत्रों की पहचान करने के लिए किया जाता है जो एंजियोप्लास्टी या कोरोनरी धमनी बाईपास सर्जरी से लाभान्वित होंगे. इसका प्रयोग अन्य बीमारियों में भी किया जाता है.
पीईटी-सीटी सेवा कैंसर के इलाज को सस्ती कीमत पर प्राप्त करने में मददगार होगी. एम्स भुवनेश्वर में मरीजों के लिए पीईटी-सीटी शुल्क 7500/- होगा. इस अवसर पर चिकित्सा अधीक्षक प्रो. डॉ. एस एन मोहंती, डीन डॉ. देवाशीष होता, डीडीए पीके राय भी उपस्थित थे.