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अनुगूल में नाबालिक लड़की से बलात्कार मामले में 20 साल की सजा

अमित मोदी, अनुगूल

जिले में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में एक दोषी को 20 साल की सजा दी गयी है. अतिरिक्त जिला जज अगस्ति कुमार साहू ने आज पोक्सो नियम के तहत सुनवाई के बाद नाबालिक लड़की से बलात्कार मामले में दोषी को 20 साल की सजा सुनाई. गौरतलब है कि सन 2019 में 21 जुलाई को अनुगूल थाने में एक बलात्कार मामले की शिकायत दर्ज की गयी थी. शिकायत के अनुसार, अनुगूल शहर के स्थानीय मछली बाजार के पास स्थित एक खुले मैदान में कुछ बंजारे रह रहे थे. उनमें से सरस्वती मल्हार नामक एक बंजारन ने अनुगूल थाने में शिकायत की कि उनकी भांजी (10 साल) उनके साथ 20 तारीख के रात को सोई हुई थी. सुबह उठने पर उनकी भांजी उस जगह पर नहीं थी. इधर उधर ढूंढने पर भी उनकी भांजी का कोई पता नहीं चला. इतने में एक अनजान व्यक्ति से सूचना मिली कि एक लड़की स्थानीय आहार केंद्र के पास पड़ी है. वहां पर उनकी भांजी खून से सनी मिली. उसके शरीर पर एक भी कपड़े नहीं थे. तुरंत उसको इलाज करवाया गया और लड़की ने बयान दिया कि जो व्यक्ति हर रोज रात को कबिले में घूमता है, उसी उसके साथ ऐसा किया है. अगर वह उस आदमी को देखकर पहचान लेगी. तुरंत अनुगूल पुलिस मामले की गंभीरता को परखते हुए हरकत में आयी और आईपीसी के धारा 363/376AB/307 ओर पोक्सो कानून 6 के तहत दर्ज कर जांच में जुट गयी. मामले की जांच कर पुलिस स्थानीय अमलापड़ा इलाके के सुभ्रांशु पटनायक उर्फ सुबू को इस मामले के आरोपी के तहत 23 जुलाई 2019 को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया. मामले की जांच जल्द खत्म कर पुलिस ने 16 अगस्त 2019 को आरोपपत्र अदालत में दाखिल कर दिया. मामले की सुनवाई के दौरान 30 गवाहों की गवाही दर्ज की गयी. आज मामले का फैसला आया तो आरोपी को दोषी पाया गया. अदालत ने दोषी को धारा 376 एबी में दोषी पाते हुए  20 साल की जेल के साथ 10 हज़ार रुपये जुर्माना और जुर्माना की रकम न चुकाने पर अतिरिक्त 2 साल कारागार की सजा सुनाई है. उसी तरह धारा 307 के तहत 5 साल की जेल और पांच हज़ार रुपये जुर्माना और जुर्माना की रकम न चुकाने पर अतिरिक्त एक साल सजा. धारा 363 के तहत 3 साल कारागार और 3 हज़ार रुपये जुर्माना तथा जुर्माना के रुपये न चुकाने पर अतिरिक्त 6 महीने की सजा तथा पोक्सो कानून के तहत 10 साल की सजा और 10 हजार रुपये जुर्माना तथा जुर्माना की रकम न चुकाने पर अतिरिक्त एक साल की सजा. सरकार की तरफ से पब्लिक प्रोसिक्यूटर सरोज पटनायक मामले की पैरवी कर रहे थे.

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