प्राथमिकी में बलात्कार पीड़िता ने कहा है कि 10 अक्टूबर को कोरापुट जिले के नंदपुर ब्लॉक के सेमला गांव के रहने वाले दो युवकों, संतोष टाकरी और उमेश हरिजन ने उसे एक कार में अगवा किया. वे उसे सुनाबेड़ा ले गए और वहां एक अज्ञात स्थान पर रखा, जहां संतोष ने उसके साथ तीन दिनों तक बलात्कार किया. बाद में वह उसे सेमला ले गया. इसी बीच नाबालिग लड़की के परिजनों को उसकी बेटी के ठिकाने की जानकारी मिली और उसे 15 अक्टूबर को संतोष के गांव से छुड़ा लिया. यह घटना उस दिन सुर्खियों में आई जब मयूरभंज जिले में बलात्कार के दो मामलों की रिपोर्ट ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है.
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